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सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु योग में मनेगा रक्षाबंधन

locationग्वालियरPublished: Jul 29, 2020 06:04:28 pm

Submitted by:

prashant sharma

रिश्तों का बंधन : सोमवार 3 अगस्त को मनाया जाएगा भाई-बहन का पर्व, 29 वर्ष बाद बन रहा है संयोग
अशुभ भद्राकाल सुबह 9.27 तक, इसके बाद ही रक्षासूत्र बांधें बहनें

सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु योग में मनेगा रक्षाबंधन

सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु योग में मनेगा रक्षाबंधन

ग्वालियर. सावन के अंतिम सोमवार 3 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन 29 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि के साथ दीर्घायु का आयुष्मान योग रहेगा, जो बहनों के लिए खास फलदायी होगा।
इस योग में राखी बांधने से भाई-बहन को सुख-समृद्धि के साथ दीर्घायु की प्राप्ति होगी। इस बार रक्षाबंधन श्रवण नक्षत्र में मनेगा। इससे पहले वार, तिथि, योग, नक्षत्र का ऐसा संयोग 1991 में बना था। जो बहनें कोरोना संक्रमण के कारण रक्षाबंधन के लिए भाई के यहां नहीं जा पा रहीं, वे घर पर वैदिक राखी बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को बांध सकती हैं। 3 अगस्त को पंडित व अन्य लोग श्रावणी उपाकर्म भी करेंगे। लोग दशाविधि स्नान के साथ यज्ञोपवीत संस्कार भी करेंगे। कोरोना महामारी के चलते लोग घरों में ही स्नान करें और पवित्र नदियों का जल उसमें मिला सकते हैं। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा पर सोमवार के दिन श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। पूर्णिमा तिथि 2 अगस्त रात्रि 9.50 से प्रारंभ होकर 3 अगस्त रात्रि 9.42 बजे तक रहेगी। राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 9.27 से शुरू हो जाएगा क्योंकि भद्रा सुबह 9.36 बजे समाप्त हो जाएगी। ज्योतिषाचार्य गौरव उपाध्याय ने बताया कि भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षासूत्र बंधवाना चाहिए।
राखी बंधवाने के लिए शुभ मुहूर्त
ठ्ठ राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 9.27 से रात्रि 9.11 बजे तक रहेगा।
ठ्ठ दोपहर में मुहूर्त 1.45 से 4.23 बजे तक।
ठ्ठ प्रदोष मुहूर्त शाम 7.01 बजे से रात्रि 9.11 तक।
ऑनलाइन रक्षाबंधन की तैयारी
कोरोना संक्रमण काल के चलते कुछ बहनें ऑनलाइन रक्षाबंधन मनाने का मन बना रही हैं। जो बहनें विदेशों में रहती हैं या अधिक दूरी के कारण नहीं आ पाएंगी वे भी ऑनलाइन रक्षाबंधन मनाएंगी। इसके लिए बहनें ऑनलाइन राखियों के साथ मिठाई और अन्य उपहार की बुकिंग कर रही हैं। बहनें रक्षाबंधन के दिन वीडियो कॉलिंग तथा अन्य ऑनलाइन माध्यम से भाईयों से जुड़ेंगी।
बड़ा बदलाव : बाजार में स्वदेशी राखियों का दबदबा
बाजार में इस बार चीनी राखियों के बहिष्कार के चलते स्वदेशी राखियों का दबदबा है। राखी कारोबारी लालाबाबू अग्रवाल ने बताया कि आगरा, कोलकाता और दिल्ली से ही देसी राखियां मंगाई गई हैं। इनके दाम 10 रुपए से लेकर 80 रुपए तक हैं। बच्चों के लिए देसी कार्टन कैरेक्टर राखियां आई हैं। ऐसी एक राखी दस रुपए कीमत की है। उन्होंने बताया कि मोती व कलावे की राखियों की मांग है।

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