वैदिक संस्कृति का केंद्र थी अयोध्या
उन्होंने त्रेतायुग की अयोध्या के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहा कि अयोध्या उस समय विश्व की ग्लोबल सिटी की भांति विश्व की आर्थिक और सांस्कृतिक नगरी थी। रावण की लंका में जहां भौतिकता का प्रदर्शन था, वहीं अयोध्या में संस्कृति की धारा बहती थी। अयोध्या का सौंदर्य ऐसा था कि पूरी दुनिया के लोग उसे देखने आते थे। अयोध्या वैदिक संस्कृति का केंद्र थी।
उन्होंने त्रेतायुग की अयोध्या के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहा कि अयोध्या उस समय विश्व की ग्लोबल सिटी की भांति विश्व की आर्थिक और सांस्कृतिक नगरी थी। रावण की लंका में जहां भौतिकता का प्रदर्शन था, वहीं अयोध्या में संस्कृति की धारा बहती थी। अयोध्या का सौंदर्य ऐसा था कि पूरी दुनिया के लोग उसे देखने आते थे। अयोध्या वैदिक संस्कृति का केंद्र थी।
धर्म की स्थापना को आते हैं भगवान
साध्वी दीपिका ने कहा कि इस समय पूरे विश्व में ऐसा वातावरण निर्मित हो चुकी है कि जो त्रेता में रावण ने निर्मित किया था। जब-जब संसार में अराजकता और अधर्म बढ़ता है तो विश्व मेें धर्म की स्थापना के लिए भगवान आते हैं। प्रभु इस धरती पर पुन: आकर सुंदर वातावरण का निर्माण करेे, इसके लिए उनका आव्हान करना होगा, ताकि वो पुन: शीघ्र पृथ्वीलोक में अवतरित हों।
साध्वी दीपिका ने कहा कि इस समय पूरे विश्व में ऐसा वातावरण निर्मित हो चुकी है कि जो त्रेता में रावण ने निर्मित किया था। जब-जब संसार में अराजकता और अधर्म बढ़ता है तो विश्व मेें धर्म की स्थापना के लिए भगवान आते हैं। प्रभु इस धरती पर पुन: आकर सुंदर वातावरण का निर्माण करेे, इसके लिए उनका आव्हान करना होगा, ताकि वो पुन: शीघ्र पृथ्वीलोक में अवतरित हों।
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का आव्हान
उन्होंने बताया कि सभी धर्मों में एक समानता है कि सभी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का आव्हान करते हैं। हिंदू मंदिर में ज्योति जलाते हैं। सिख दीपक जलाते हैं। मुस्लिम चिराग और ईसाई मोमबत्ती जलाते हैं, सभी का अर्थ एक ही है ज्योर्तिमय परमात्मा की उपासना कर अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का आव्हान।
उन्होंने बताया कि सभी धर्मों में एक समानता है कि सभी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का आव्हान करते हैं। हिंदू मंदिर में ज्योति जलाते हैं। सिख दीपक जलाते हैं। मुस्लिम चिराग और ईसाई मोमबत्ती जलाते हैं, सभी का अर्थ एक ही है ज्योर्तिमय परमात्मा की उपासना कर अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का आव्हान।