scriptयुग परिवर्तन की गाथा है रामकथा : साध्वी दीपिका भारती | Ram Katha is the saga of era change: Sadhvi Deepika Bharti | Patrika News

युग परिवर्तन की गाथा है रामकथा : साध्वी दीपिका भारती

locationग्वालियरPublished: Jun 05, 2023 10:43:18 pm

Submitted by:

Narendra Kuiya

– फूलबाग में रामकथा के दूसरे दिन पूर्व राज्यपाल सोलंकी ने की आरती

युग परिवर्तन की गाथा है रामकथा : साध्वी दीपिका भारती

युग परिवर्तन की गाथा है रामकथा : साध्वी दीपिका भारती

ग्वालियर. प्रभु श्रीराम के जन्म के बाद जब-जब उनका नामकरण हुआ, तब से राम की जो रटंत शुरू हुई जो आज तक चली आ रही है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से फूलबाग मेें हो रही श्रीरामकथामृत के द्वितीय दिवस साध्वी दीपिका भारती ने भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का सुंदर चित्रण करते हुए यह विचार व्यक्त किए। इस मौके पर समूचा पांडाल सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आए हैं, आज आनंद में अवध पूरी झूमो नाचो रे…की मंगल ध्वनि से गूंज उठा। पांडाल को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया था तथा भगवान राम को पालने में विराजित किया गया था। रामकथा में पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने भगवान राम की आरती की। कथा व्याास दीपिका भारती ने राम अवतार की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि एक ऐसा समय भी आता है जब हर व्यवस्था में त्रुटि आ जाती है, तो उसे ठीक करने के लिए भगवान स्वयं आते हैं। भगवान जब धरा पर अवतरण लेते हैं तो बहुत बड़ा परिवर्तन होता है, जिसे हम युगपरिवर्तन कहते हैं। रामकथा युग परिवर्तन की गाथा है, जिसे सुनकर व्यक्ति के ह्रदय में परिवर्तन शुरू हो जाता है। जब सृष्टि में अधर्म बढ़ता है तो भगवन स्वयं धर्म की स्थापना के लिए आते हैं। देवों एवं असुरों में एक संघर्ष सदा से चला आया है। यह सत्य और असत्य का संघर्ष है।
वैदिक संस्कृति का केंद्र थी अयोध्या
उन्होंने त्रेतायुग की अयोध्या के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहा कि अयोध्या उस समय विश्व की ग्लोबल सिटी की भांति विश्व की आर्थिक और सांस्कृतिक नगरी थी। रावण की लंका में जहां भौतिकता का प्रदर्शन था, वहीं अयोध्या में संस्कृति की धारा बहती थी। अयोध्या का सौंदर्य ऐसा था कि पूरी दुनिया के लोग उसे देखने आते थे। अयोध्या वैदिक संस्कृति का केंद्र थी।
धर्म की स्थापना को आते हैं भगवान
साध्वी दीपिका ने कहा कि इस समय पूरे विश्व में ऐसा वातावरण निर्मित हो चुकी है कि जो त्रेता में रावण ने निर्मित किया था। जब-जब संसार में अराजकता और अधर्म बढ़ता है तो विश्व मेें धर्म की स्थापना के लिए भगवान आते हैं। प्रभु इस धरती पर पुन: आकर सुंदर वातावरण का निर्माण करेे, इसके लिए उनका आव्हान करना होगा, ताकि वो पुन: शीघ्र पृथ्वीलोक में अवतरित हों।
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का आव्हान
उन्होंने बताया कि सभी धर्मों में एक समानता है कि सभी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का आव्हान करते हैं। हिंदू मंदिर में ज्योति जलाते हैं। सिख दीपक जलाते हैं। मुस्लिम चिराग और ईसाई मोमबत्ती जलाते हैं, सभी का अर्थ एक ही है ज्योर्तिमय परमात्मा की उपासना कर अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का आव्हान।
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