scriptरामायण महाकाव्य ही नहीं मनुष्य जाति के लिये मार्गदर्शक भी है | Ramayana is not only an epic but also a guide for mankind | Patrika News

रामायण महाकाव्य ही नहीं मनुष्य जाति के लिये मार्गदर्शक भी है

locationग्वालियरPublished: Dec 31, 2019 12:05:21 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– महलगांव स्थित कैलादेवी माता मंदिर में संत चिन्मयानंद की रामकथा प्रारंभ

रामायण महाकाव्य ही नहीं मनुष्य जाति के लिये मार्गदर्शक भी है

रामायण महाकाव्य ही नहीं मनुष्य जाति के लिये मार्गदर्शक भी है

ग्वालियर। संत चिन्मयानंद बापू ने कहा है कि विश्व में रामायण एक महाकाव्य ही नहीं सभी भारतीयों एवं मनुष्य जाति के लिये अद्भुत मार्गदर्शक भी है। वे यहां महलगांव स्थित कैलादेवी माता एवं कुंवर बाबा मंदिर में आयोजित रामकथा के मंगलाचरण पर संगीतमयी रामकथा की महिमा का बखान कर रहे थे।
संत चिन्मयानंद ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि रामायण के सभी पात्रों का चरित्र मानव जाति के लिए आज भी प्रासंगिक है। चाहे रामदल हो या रावण का दल दोनों ही दल हमारी जिंदगी के लिये प्रेरणादायी हैं। उन्होंने कहा कि रामायण की शुरूआत वर्ण शब्द से हुई और विराम मानव शब्द पर जाकर हुआ। इसका तात्पर्य यह है कि इस धरती पर हमारा एक ही वर्ण होना चाहिये। वह है मानवता का। संत चिन्मयानंद ने कहा कि हमारे ऋषियों ने जो व्यवस्था वर्ण की बनाई थी वह व्यवस्था आज कुछ लोगों के स्वार्थ के कारण समाज में विकार पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए संत तुलसी दास महाराज ने हमें इशारा किया है कि अब समय आ गया है कि इंसान जातिवाद से ऊपर उठकर सिर्फ इंसानियत ही अपनाये। संत चिन्मयानंद ने रामकथा की शुरूआत कर रामकथा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने राम तथा उनके चरित्र पर भी विस्तृत व्याख्या की। तेज सर्दी के बाद भी महलगांव के मैदान पर श्रद्धालुओं के उत्साह में कमी नहीं दिखाई दी। महलगांव पर चल रही रामकथा में 31 दिसंबर को वंदना प्रकरण, तथा शिव चरित्र की कथा होगी।
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