जुर्माने की राशि फरियादिया को दी जाए
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी द्वारा जुर्माने की राशि जमा कराए जाने के बाद इसे फरियादिया को दिया जाए। अतिरिक्त लोक अभियोजक राजीव सिंह तोमर ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि अंकुर उर्फ सुबोध द्वारा 19 नवंबर 11 से 17 जुलाई 16 के मध्य पीडि़ता को शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ बलात्कार किया। इस मामले में आरोपी द्वारा उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका प्रस्तुत की गई जिस पर उच्च न्यायालय ने आरोपी द्वारा पीडि़ता से विवाह करने के प्रमाण प्रस्तुत करने पर अग्रिम जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। आरोपी द्वारा पीडि़ता से विवाह नहीं करने पर ट्रायल कोर्ट में चले इस मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई गई।