डॉक्टरों ने एक दूसरे पर टाली पूरी घटना
रूह कंपा देने वाले इस पूरे मामले में डॉक्टर ही एक मात्र ऐसी कड़ी है जो मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर यह बता सकते हैं कि बच्ची को चोट का कारण क्या हो सकता है, लेकिन इसके बावजूद बच्ची को देखने वाली डॉक्टरों का कहना है कि इस मामले में हॉस्पिटल प्रबंधन ने उन्हें कुछ भी बताने से मना कर दिया है, घटना की पूरी जानकारी आपको सिविल सर्जन ही देंगे। जब सिविल सर्जन से इस विषय पर बात की गई तो वह, ये कहते नजर आए कि बच्ची के साथ क्या हुआ है यह तो बच्ची का परीक्षण करने वाले डॉक्टर ही बता पाएंगे। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या बच्ची के साथ रेप की आशंका है? तो इस पर वह यह कहते हुए नजर आए कि यह पुलिस केस है इसलिए उन्हें गोपनीयता बरतना पड़ेगी। खास बात यह है कि रेप के अन्य मामलों में प्राथमिक जांच के आधार पर क्लू देने वाले डॉक्टरों को इस केस में आखिर कुछ नजर क्यों नहीं आ रहा है।
इसलिए गले नहीं उतर रही गिरने की बात
पुलिस द्वारा बच्ची के छत से गिरने की जो बात बताई जा रही है, वह इसलिए गले नहीं उतर रही है, क्योंकि बच्ची के प्रायवेट पार्ट के अलावा और किसी जगह चोट नहीं है। अगर बच्ची छत से गिरती तो उसके हाथ, पैर, सिर किसी जगह तो चोट लगती। बच्ची के छत से गिरने की बात पूरी कहानी को संदिग्ध बना रही है।
बच्ची के प्रायवेट पार्ट में गंभीर चोट हैं, उसे सर्जरी की आवश्यकता है इसलिए हमने उसे ग्वालियर रैफर कर दिया है। बच्ची के साथ रेप या रेप का प्रयास यह पुलिस के अनुसंधान का विषय है, हमें तो उसका उपचार करना है।
डॉ गोविंद सिंह, सिविल सर्जन
हमें इस मामले में बयान देने हॉस्पिटल प्रबंधन ने मना कर दिया है। सीएस जानकारी देंगे।
डॉ उमा जैन, प्रभारी गायनिक
पुलिस बनी फरियादी
बच्ची को ग्वालियर में उपचार के बाद होश आ गया है और उसके बताए अनुसार हम इस मामले में दुष्कर्म का प्रकरण दर्जकर रहे हैं। चूंकि पीडि़ता के परिवार का कोई सदस्य फरियादी बनने को तैयार नहींं है, इसलिए इसमें पुलिस ने ही फरियादी बनकर दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी को भी चिह्नित कर राउंडअप कर लिया है।
राजेश हिंगणकर, एसपी शिवपुरी