ग्वालियर

शादी समारोह में आई चार साल की मासूम से बलात्कार, परिवार नहीं माना तो पुलिस बनी फरियादी

शादी समारोह में आई चार साल की मासूम से बलात्कार, परिवार नहीं माना तो पुलिस बनी फरियादी

ग्वालियरMay 17, 2019 / 03:46 pm

Gaurav Sen

शादी समारोह में आई चार साल की मासूम से बलात्कार, परिवार नहीं माना तो पुलिस बनी फरियादी

शिवपुरी. बैराड़ कस्बे में आयोजित एक शादी समारोह में राजस्थान से अपने माता-पिता के साथ आई चार साल की मासूम के साथ बुध-गुरूवार की दरम्यानी रात किसी बहशी ने दुष्कर्म कर दिया। घटना के बाद बच्ची को लहुलुहान हालत में बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां उसके प्रायवेट पार्ट में बेहद गंभीर चोट होने के कारण तत्काल शिवपुरी रैफर कर दिया गया। शिवपुरी में गायनिक विशेषज्ञों द्वारा मासूम बच्ची को प्राथमिक उपचार प्रदान करने के बाद सर्जरी के लिए ग्वालियर रैफर किया गया। चिकित्सा सूत्रों के अनुसार मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की घटना कारित की गई है, इसके बावजूद घटना को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ गोविंद सिंह ने मीडिया के सामने यह तो स्वीकार किया है कि बच्ची के प्रायवेट पार्ट में बेहद गंभीर चोट है और उसे सर्जरी की आवश्यकता है, परंतु उन्होंने रेप की घटना पर सीधे कुछ भी कहने से बचने का प्रयास किया। बैराड़ टीआई आलोक भदौरिया का कहना है कि बच्ची के परिजनों के अनुसार बच्ची को चोट छत से गिरने के कारण आई है, इसलिए हम इस केस में फिलहाल कुछ नहीं कर सकते हैं। जब बच्ची के परिजनों से इस संबंध में बात की गई तो वह इस पूरी घटना पर चुप्पी साधे रहे। वहीं इस मामले का दुखद पहलू यह है कि पीडि़ता के परिवार का कोई भी सदस्य फरियादी बनने को तैयार नहीं है, इसलिए पुलिस ने इसमें फरियादी बनकर दुष्कर्म का प्रकरण दर्जकर लिया।

डॉक्टरों ने एक दूसरे पर टाली पूरी घटना

रूह कंपा देने वाले इस पूरे मामले में डॉक्टर ही एक मात्र ऐसी कड़ी है जो मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर यह बता सकते हैं कि बच्ची को चोट का कारण क्या हो सकता है, लेकिन इसके बावजूद बच्ची को देखने वाली डॉक्टरों का कहना है कि इस मामले में हॉस्पिटल प्रबंधन ने उन्हें कुछ भी बताने से मना कर दिया है, घटना की पूरी जानकारी आपको सिविल सर्जन ही देंगे। जब सिविल सर्जन से इस विषय पर बात की गई तो वह, ये कहते नजर आए कि बच्ची के साथ क्या हुआ है यह तो बच्ची का परीक्षण करने वाले डॉक्टर ही बता पाएंगे। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या बच्ची के साथ रेप की आशंका है? तो इस पर वह यह कहते हुए नजर आए कि यह पुलिस केस है इसलिए उन्हें गोपनीयता बरतना पड़ेगी। खास बात यह है कि रेप के अन्य मामलों में प्राथमिक जांच के आधार पर क्लू देने वाले डॉक्टरों को इस केस में आखिर कुछ नजर क्यों नहीं आ रहा है।

इसलिए गले नहीं उतर रही गिरने की बात
पुलिस द्वारा बच्ची के छत से गिरने की जो बात बताई जा रही है, वह इसलिए गले नहीं उतर रही है, क्योंकि बच्ची के प्रायवेट पार्ट के अलावा और किसी जगह चोट नहीं है। अगर बच्ची छत से गिरती तो उसके हाथ, पैर, सिर किसी जगह तो चोट लगती। बच्ची के छत से गिरने की बात पूरी कहानी को संदिग्ध बना रही है।

बच्ची के प्रायवेट पार्ट में गंभीर चोट हैं, उसे सर्जरी की आवश्यकता है इसलिए हमने उसे ग्वालियर रैफर कर दिया है। बच्ची के साथ रेप या रेप का प्रयास यह पुलिस के अनुसंधान का विषय है, हमें तो उसका उपचार करना है।
डॉ गोविंद सिंह, सिविल सर्जन

हमें इस मामले में बयान देने हॉस्पिटल प्रबंधन ने मना कर दिया है। सीएस जानकारी देंगे।
डॉ उमा जैन, प्रभारी गायनिक

पुलिस बनी फरियादी
बच्ची को ग्वालियर में उपचार के बाद होश आ गया है और उसके बताए अनुसार हम इस मामले में दुष्कर्म का प्रकरण दर्जकर रहे हैं। चूंकि पीडि़ता के परिवार का कोई सदस्य फरियादी बनने को तैयार नहींं है, इसलिए इसमें पुलिस ने ही फरियादी बनकर दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी को भी चिह्नित कर राउंडअप कर लिया है।
राजेश हिंगणकर, एसपी शिवपुरी

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