दुकान संचालक ने जो मिठाइयां तैयार करके रखी थीं, उन पर फफूंद लग गई थी। लड्डुओं पर मकड़ी के जाले थे। मिठाई बनाने के लिए मांढकऱ रखी गई मैदा से बदबू आ रही थी। अन्य मिठाइयों की स्थिति भी ठीक नहीं थी। बारिश के सीजन में खुले में तिरपाल के नीचे मिठाइयां बन रही थीं।
दुकान में जहां भी अधिकारियों की नजर गई, वहां जाले लगे नजर आए। फर्श भी बेहद गंदा था, जहां मिठाई रखी हुई थीं, वहां दीवारों पर गंदगी थी। गोदाम में जहां कबाड़ा भरा था, वहीं मिठाइयां रखी जा रही थीं।
आनंद मिष्ठान भंडार पर व्यावसायिक नीले रंग के सिलेंडर के बजाय लाल रंग के दो घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा था। केवल सैंपल और जुर्माना
प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई के दौरान दुकानों पर मिठाई बनाने में सफाई का ध्यान नहीं रखे जाने के साथ तमाम कमियां सामने आ रही हैं, लेकिन अधिकारी सैंपल लेने और जुर्माना लगाने तक ही सीमित हैं। आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे व्यवसाइयों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए गए हैं।
-प्रदूषित खाद्य पदार्थ शरीर के लिए हानिकारक होता है। खासकर मिठाइयां अगर अशुद्ध हैं तो उनसे तत्काल और दीर्घकालिक दुष्प्रभाव होने की संभावना रहती है। बच्चे अगर प्रदूषित मिठाई खाते हैं तो उल्टी-दस्त, फूड प्वॉइजनिंग हो सकती है। लंबे समय तक ऐसी मिठाई खाएं तो आंतों में अल्सर, किडनी और लीवर डैमेज होने की संभावना रहती है।
डॉ.विनीत चतुर्वेदी, सहायक अधीक्षक-जेएएच
-प्रदूषित और मिलावटी खाद्य पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए हमारी टीम सक्रिय है। इसमें आमजन का सहयोग भी जरूरी है। मिलावटी खाद्य पदार्थों की सूचना देने के लिए एसडीएम व अन्य अधिकारियों के नंबर जारी किए हैं। किसी को जानकारी मिले तो सीधे सूचित करें, कार्रवाई जरूर होगी। हम सूचनाकर्ता का नाम उजागर नहीं होने देंगे।
अनुराग चौधरी, कलेक्टर