scriptशास्त्रीय संगीत के सुरताल में डूबे रसिक | Rasik immersed in classical music | Patrika News

शास्त्रीय संगीत के सुरताल में डूबे रसिक

locationग्वालियरPublished: Jan 16, 2020 01:14:31 am

मेला रंगमंच पर बही सुरों की सरिता

शास्त्रीय संगीत के सुरताल में डूबे रसिक

शास्त्रीय संगीत के सुरताल में डूबे रसिक

ग्वालियर। अचानक बदले मौसम और बारिश के बीच व्यापार मेला के कला मंदिर रंगमंच पर बुधवार रात शास्त्रीय संगीत की सुर सरिता में रसिक श्रोताओं ने जमकर डुबकी लगाई।
आरंभ में मेला संचालक व सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक नवीन परांडे, सांस्कृतिक समिति सदस्य अमित चितवन और कांग्रेस नेता दीपकराज चतुर्वेदी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पुणे से आईं गीतिका उमड़ेकर मसूरकर ने राग कल्याण में रूपक में मध्यलय की बंदिश ‘म्हारा रसिया बालम….’, पेश कर की। इसके बाद द्रुत बंदिश में ‘सावन की सांझ…’ की प्रस्तुति दी। उन्होंने राग खमण में ‘आज मोरी कलाई मुरक गई…’ पर ठुमरी भी पेश की। गीतिका ने आखिर में ‘तीरथ को सब करे, देव पूजा करे… भजन की प्रस्तुति दी। उनके साथ तबले पर अनंत मसूरकर व वायलिन पर अंकुर धारकर ने संगत की।
इसके बाद ग्वालियर की संध्या प्रमोद बापट ने सितार वाद्य वृन्द की प्रस्तुति देते हुए राग भोपाली, राग भोपाली में ‘ ज्योति कलश छलके…और राग वृन्दावनी में धुन पेश की। उन्होंने ‘अक्षुधम केशवम कृष्ण दामोदरम कृष्ण… भजन भी प्रस्तुत किया। उनके साथ तबले पर जयश्री देव ने संगत की। इनके अलावा अनीता तलेगांवकर, रचना गोयल, चित्रा देशपांडे, स्वाति, आकाश, सिद्धांत आदि ने भी संगत में साथ दिया। संचालन प्रशांत चव्हाण ने किया।
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