ग्वालियर में भाजपा को सबसे ज्यादा डर क्रॉस वोटिंग का है, इसलिए जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी के साथ उसके पार्षद दिल्ली में हैं। उन्हें दिल्ली बॉर्डर पर एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है। बुधवार को होने वाली रायशुमारी में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में सभापति पद का नाम तय हो जाएगा। इधर, खबर आ रही है कि बुधवार शाम को ग्वालियर से कांग्रेस पार्षदों का दल भी किसी पर्यटक स्थल के लिए रवाना हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस दल में कांग्रेस के 25 और 4 अन्य पार्षद शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यह सभी लग्जरी बस से दतिया, ओरछा और बागेश्वर के लिए रवाना हो रहे हैं। इन्हें भी रिजॉर्ट या बड़े होटलों में ठहराया जाएगा। वहीं आगे की रणनीति पर बात की जाएगी।
क्रॉस वोटिंग की स्थिति में निर्दलीय आएंगे काम
भाजपा अपने बूते सभापति बनाने की स्थिति में है, लेकिन क्रॉस वोटिंग से खेल बिगड़ सकता है। कांग्रेस के पाले में निर्दलीय पार्षद जाने से उनके पास आंकड़ा 25 से बढक़र 28 हो गया है। इसलिए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दो निर्दलीय पार्षदों को साध लिया है। इनका एक बार दिल्ली दौरा हो चुका है।
डबरा : कांग्रेस व आप के पार्षद टूटे, दोनों गुटों के साथ में दिखे

यहां नपा अध्यक्ष पद के लिए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और इमरती देवी गुट के बीच मुकाबला है। सिंधिया समर्थक इमरती के साथ जो 15 पार्षद हैं उनमें भाजपा-कांग्रेस के छह-छह पार्षद हैं। इनमें अलावा 2 निर्दलीय और एक आम आदमी पार्टी का पार्षद है। बता दे कि नगर पालिका के 30 वार्डो में भाजपा ने 14 में जीत दर्ज की, 10 कांग्रेस के पार्षद चुने गए। चार निर्दलीय व दो आम आदमी पार्टी के पार्षद चुनकर आए हैं। भाजपा के दो गुटों में वर्चस्व की लड़ाई में कांग्रेस मुकाबले से बाहर नजर आ रही है। जो सियासी समीकरण बन रहे हैं उनमें कांग्रेस के पार्षद ही इमरती देवी के साथ हैं तो कुछ नरोत्तम मिश्रा के साथ हैं। नरोत्तम का साथ देने वाले विधायक सुरेश राजे के करीबी बताए जा रहे हैं। इस तरह नरोत्तम के समर्थक गुट में आठ भाजपा, चार कांग्रेस, दो निर्दलीय और एक आम आदमी पार्टी से है।
