लाल टिपारा गौशाला के पास रहने वाले रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर कलेक्टर को आवेदन दिया था, जिसमें बताया कि उन्होंने 2011 में साईंनगर में एक प्लॉट अरविंद गुर्जर, भूपेंद्र बघेल और जसवंत सिंह के माध्यम से खरीदा था। जब वह अगस्त में 22 साल बाद फौज से रिटायर्ड होकर आए और अपने प्लॉट पर मकान बनाना चाहा तो दबंग उसपर कब्जा कर चुके थे। उसने विक्रेता अरविंद और भूपेंद्र पर शंका जताई। उसने बताया कि कब्जा करने वालों ने प्लॉट को रीसेल भी कर दिया। तोमर ने बताया कि जब भी प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए जाते है तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती। कई बार थाने से लेकर प्रशासन तक को आवेदन दिए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही वजह थी कि उसने मजबूरी में बागी बन बंदूक उठाने की चेतावनी दी।
मुरार एसडीएम अशोक चौहान ने बताया कि सीमादेवी पत्नी रघुनाथ सिंह तोमर रिटायर्ड फौजी के प्लॉट का निरीक्षण किया गया। इसमें दो लोगों के पास विक्रयपत्र मिले थे। दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता कराया। तोमर को प्लॉट पर कब्जा दिलाया। इसमें जमीन का कुछ हिस्सा विवादित था, जिसके लिए राजकुमारी राठौर व भगवान सिंह राठौर व अन्य 4 लाख 80 हजार रुपए एक माह में सीमा को देंगे।