सोमवार शाम को राजमाता विजयाराजे विमानतल पहुंच गया। यहां सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोका तो उसने अंंदर जाने जिद की। उसकी हालत देखकर गेट पर मौजूद सुरक्षा टीम को शक हुआ उसे पकड कर महाराजपुरा थाने ले आए। संदिग्ध से पूछताछ की तो उसने सवालों के अनाप शनाप जवाब दिए। इससे शक हुआ तलाशी में उसकी जेब से घर का पता और मोबाइल नंबर मिल गया। उस पर कॉल करने पर संदेही के भाई ने फोन रिसीव किया और बताया कि वह पांच दिन से भाई को दिल्ली में तलाश रहा है। वह मनोरोगी है, उसका इलाज भी चलता रहा। सबूत के तौर पर उसने व्हाटसएप पर इलाज के पर्चे भी भेजे। फिर मंगलवार सुबह भाई खुद भी ग्वालियर पहुंच गया। हर एंगल से तस्दीक के बाद मनोरोगी को उसके भाई के हवाले कर दिया।