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जनप्रतिनिधियों में विकास का श्रेय लेने की जंग, बदल रहे एक-दूसरे के निर्देश

locationग्वालियरPublished: Feb 24, 2019 07:43:57 pm

Submitted by:

Rahul rai

बार-बार समीक्षा होने और जनप्रतिनिधियों द्वारा अलग-अलग निर्देश दिए जाने से अफसर असमंजस में फंस गए हैं कि वे किसके आदेश मानें

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जनप्रतिनिधियों में विकास का श्रेय लेने की जंग, बदल रहे एक-दूसरे के निर्देश

ग्वालियर। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद लोकसभा चुनाव नजदीक आने से भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में विकास कार्यों का श्रेय लेने की लड़ाई तेज हो गई है, इससे नेताओं के बीच टकराव की स्थिति भी बन रही है। कुछ दिन पहले शिवपुरी-गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अफसरों की बैठक लेकर विकास कार्यों की समीक्षा की थी, उसके बाद प्रभारी मंत्री उमर सिंधार ने, फिर खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने और शनिवार को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने विकास कार्यों की समीक्षा की।
खास बात यह है कि विकास कार्यों की समीक्षा करने वाले जनप्रतिनिधियों में शहर के विकास के लिए न तो एकजुटता है, न निर्देशों में एक रूपता है। बार-बार समीक्षा होने और जनप्रतिनिधियों द्वारा अलग-अलग निर्देश दिए जाने से अफसर असमंजस में फंस गए हैं कि वे किसके आदेश मानें।
पड़ रहा विकास पर असर
शहर विकास के लिए केन्द्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक बैठक लेकर लगातार निर्देश दे रहे हैं, इसके बाद भी विकास धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। इसकी वजह यह है कि अमृत योजना और स्मार्ट सिटी सहित दूसरी केन्द्र व प्रदेश की योजनाओं के जो काम चल रहे हैं, उनका प्लान इन बैठकों में जनप्रतिनिधियों द्वारा बदला जा रहा है, जिससे अफसर टेंशन में हैं कि किस नेता और मंत्री की बात मानें, किसकी नहीं। भाजपा के 15 साल के शासन में तत्कालीन स्थानीय जनप्रतिनिधियों की एकजुटता नहीं होने से शहर का विकास नहीं हो पाया, अब कांग्रेस और भाजपा के बीच श्रेय की लड़ाई से विकास गति नहीं पकड़ पा रहा है।
एकजुटता की कहते हैं, एकजुट होते नहीं
विकास के लिए कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा सांसद व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एक जुटता की बात कहते हैं, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के नेता विकास के लिए एक मंच पर बैठने को तैयार नहीं हैं। इसका ताजा उदाहरण शनिवार को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की विकास कार्यों की समीक्षा बैठक का कांग्रेस विधायकों द्वारा बहिष्कार किया जाना है।
कमांड सेंटर विवादों में
मोतीमहल में स्मार्ट सिटी का कमांड सेंटर विवाद में फंस गया है। पिछले दिनों बैठक में गुना-शिवपुरी के कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमांड सेंटर का स्थान बदलने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे, वहीं शनिवार को सांसद व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने यह कहकर अधिकारियों को संकट में डाल दिया कि कमांड सेंटर वहीं बनेगा।
जेएएच भी बना अखाड़ा
जयारोग्य अस्पताल भी में करोड़ों रुपए की लागत से बन रहे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, एक हजार बिस्तर के अस्पताल सहित जेएएच की अन्य व्यवस्थाओं का केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधायक मुन्नालाल गोयल, प्रवीण पाठक जायजा ले चुके हैं। एक हजार बिस्तर के अस्पताल का प्लान बदलने के एक-दो जनप्रतिधियों ने जेएएच के अफसरों को निर्देश तक दे दिए।
अभी तक यह हुईं बैठकें
-केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर विकास को लेकर दो बैठकें ले चुके हैं, इनमें कांग्रेस के एक भी विधायक व मंत्री शामिल नहीं हुए।
-सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 28 जनवरी को बैठक ली थी, उसमें शामिल होने महापौर विवेक शेजवलकर और भाजपा विधायक भारत सिंह कुशवाह पहुंचे थे।
-जिले के प्रभारी मंत्री उमंग सिंघार ने 10 फरवरी को बैठक ली थी, जिसमें शामिल होने न तो मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पहुंचे थे, न ही भाजपा विधायक भारत सिंह कुशवाह।
-प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर दो बार बैठक ले चुके हैं, उनमें उनकी ही पार्टी के विधायक नहीं पहुंचे।
-कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल और प्रवीण पाठक भी विकास को लेकर अलग-अलग बैठक ले चुके हैं।
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