ग्वालियर

लाखों रुपए की राशि से बनने वाली सडक़ तीन महीने में ही उखड़ी

सडक़ निर्माण के दौरान अधिकारियों द्वारा सही ढंग से मॉनिटरिंग नहीं करने से लाखों रुपए खर्च कर बनाई जाने वाली सडक़ें कुछ महीने में ही खराब हो जाती हैं, जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है।

ग्वालियरMar 05, 2019 / 08:35 pm

राजेश श्रीवास्तव

लाखों रुपए की राशि से बनने वाली सडक़ तीन महीने में ही उखड़ी

ग्वालियर. हर वर्ष सडक़ों के निर्माण और उनके रखरखाव के लिए जनता की गढ़ाई कमाई (जो की टैक्स के रूप में देते हैं) सडक़ पर बने गड्ढों में डाली जा रही है।इसका मुख्य कारण सडक़ निर्माण के दौरान अधिकारियों द्वारा सही ढंग से मॉनिटरिंग नहीं करना है। यही कारण है कि लाखों रुपए खर्च कर बनाई जाने वाली सडक़ें कुछ महीने में ही खराब हो जाती हैं, जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है, जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने रहते हैं। कुछ यही हाल है न्यू ग्रेसिम विहार में बनी सडक़ का, एक महीने पहले ही इस सडक़ का निर्माण किया गया था, लेकिन यह खराब हो गई है। सडक़ निर्माण के दौरान सही ढंग से लेवलिंग नहीं की गई, जिसके कारण बीच सडक़ पर पानी जमा हो जाता है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर कॉलोनी के रहवासियों ने शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
सही ढंग से मॉनिटरिंग न होना

वार्ड 8 स्थित न्यू गे्रेसिम विहार कॉलोनी में करीब तीन महीने पहले 3.2 लाख की लागत से सीसी सडक़ का निर्माण किया गया था। सडक़ निर्माण के दौरान सही ढंग से कार्य नहीं किया गया, निगम अधिकारियों ने मॉनिटरिंग भी नहीं की, ठेकेदार ने मनमर्जी से सडक़ बनाई, कई जगहों पर लेवलिंग सही तरीके से नहीं की गई, जिसके कारण गत दिवस हुई थोड़ी सी बारिश से ही सडक़ पर पानी जमा हो गया। सडक़ में एक जगह पर बहुत अधिक गहराई कर दी गई है, जिससे यहां पानी जमा हो रहा है। जब बारिश का मौसम आएगा तो स्थिति और भी बिगड़ेगी, जलभराव होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यहां सीमेंट भी गायब होने लगी है। सडक़ की गुणवत्ता को लेकर कॉलोनी के रहवासियों ने पहले भी शिकायत की थी, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से भी शिकायत की गई थी, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हुआ। अगर यही हाल रहा तो कुछ महीने में ही सडक़ पूरी तरह से उखड़ जाएगी। रहवासियों का कहना है कि सडक़ निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, अगर इस मामले की जांच की जाए तो गड़बड़ी सामने आ जाएगी। नगर निगम अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हुए हैं।
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