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शताब्दीपुर स्थित दंदरौआधाम में आयोजित होने जा रहे १६५ कुंडीय रुद्र महायज्ञ में एक करोड़ महामृत्युंजय का जाप किया जाएगा। इस यज्ञ को लेकर यज्ञशाला तैयार कर ली गई है। यज्ञ शाला के चारों दिशाओं में द्वार किए गए हैं। यज्ञ शाला तैयार किए जाने के लिए घास ओर कांस को इलाहाबाद से मंगाया गया है। इलाहाबाद के कारीगारों ने करीब ४५ फीट ऊंची यज्ञ शाला बनाई है। यह यज्ञ शाला के हर चार फीट के बाद जाली लगाई गई है। यज्ञ शाला में गंूजायमान मंत्रों के स्वरों को वातावरण तक पहुंचाए जाने की पद्धति से यज्ञ शाला का स्वरूप दिया गया है। आयोजन कर्ताओं का दावा है कि इतने बड़े स्तर पर होने वाले महायज्ञ के आयोजन के दौरान या पश्चात बारिश होगी। इसलिए यज्ञ शाला को वाटरप्रूफ भी बनाया गया है।
इलाहाबाद के कारीगरों ने तैयार की यज्ञ शाला, देशी गाय के गोबर से तैयार किए हवन कुंड
यज्ञ शाला को बनाए जाने को लेकर पूरी विधि-विधान का ख्याल रखा जा रहा है। यह यज्ञ शाला के कुण्डों को तैयार किए जाने और यज्ञ शाला को देशी गाय के गोबर से लीपा गया है। इसके लिए लाल टिपारा गोशाला में देशी और अन्य जाति की गायों को अलग-अलग रखना पड़ा।यह यज्ञ इस सीजन का संभाग स्तर का सबसे बड़ा यज्ञ है। इस यज्ञ में दूर दराज तीर्थों से पंडितों को बुलाया गया है।
रुद्र महायज्ञ को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। करीब 5 हजार देशी गाय के दूध से घी तैयार किया जा रहा है। यज्ञ शाला को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह यज्ञ शहर और संभाग वासियों के लिए विशेष लाभ देने वाला रहेगा।
अच्युतानंद महाराज, रुद्र महायज्ञ आयोजन कर्ता समिति