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ग्वालियर

जेएएच में वाहन ले जाने के बदले नियम, अब करना होगा यह

जयारोग्य अस्पताल में आने वाले वाहन अब अस्पताल कैंपस में नहीं जाएंगे, इसके लिए चारों गेटों पर हाईटेक कम्यूटराइज्ड पार्किंग बनाई जा रही है। पार्किंग में बिना कार्ड के कोई वाहन अंदर प्रवेश नहीं कर सकेगा। सभी गेटों पर आरएफआइडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन) सिस्टम लगाया जाएगा..

ग्वालियरDec 08, 2019 / 01:38 am

रिज़वान खान

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जेएएच में वाहन ले जाने के बदले नियम, अब करना होगा यह

ग्वालियर. जयारोग्य अस्पताल में आने वाले वाहन अब अस्पताल कैंपस में नहीं जाएंगे, इसके लिए चारों गेटों पर हाईटेक कम्यूटराइज्ड पार्किंग बनाई जा रही है। पार्किंग में बिना कार्ड के कोई वाहन अंदर प्रवेश नहीं कर सकेगा। सभी गेटों पर आरएफआइडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन) सिस्टम लगाया जाएगा, इसका सामान आना शुरू हो गया है और सोमवार से काम शुरू हो जाएगा। चारों गेटों पर कैमरे भी लगाए जाएंगे, जिससे वाहनों और अस्पताल में आने वाले लोगों की निगरानी होगी। इस व्यवस्था से मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी काफी सुविधा रहेगी। अभी तक कैंपस में मरीज और डॉक्टर वाहनों को मनमर्जी से चाहे जहां खड़े कर देते हैं, इससे व्यवस्था बिगड़ती है।

छह घंटे तक 10 रुपए किराया
दो पहिया वाहन चालकों से अभी 10 रुपए किराया लिया जाता है। लेकिन मरीजों के परिजन पार्किंग में गाड़ी खड़ी रखने के बाद पूरे दिन यहीं छोड़कर चले जाते हैं, अब ऐसा नहीं चलेगा। अब दो पहिया वाहन 6 घंटे तक 10 रुपए में खड़ा किया जाएगा, उसके बाद खड़े रहने पर किराया बढ़ेगा।

चारों गेटों पर रहेंगे ई-रिक्शा
जेएएच के चारों गेटों पर कम्प्यूटर पार्किंग शुरू होने पर बाहर से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए गेट पर ई-रिक्शा रहेंगे, जो मरीजों को नि:शुल्क कैंपस में लेकर आएंगे। विधायक प्रवीण पाठक ने चार ई-रिक्शा दिए हैं। मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी 10 ई-रिक्शा देने की घोषणा की है।

डॉक्टरों और स्टाफ के लिए अलग व्यवस्था
जेएएच पार्किंग में डॉक्टरों और स्टाफ के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। उनके वाहनों के पर स्ट्रीकर लगेंगे। इन्हें रखने की व्यवस्था भी अलग रहेगी। इससे हर रोज होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी।

ओपीडी के समय ज्यादा भीड़
जेएएच में सबसे ज्यादा वाहन सुबह ओपीडी के समय आते हैं। इसमें कई वाहन चालक मनमर्जी से वाहनों को सड़क किनारे छोड़कर चले जाते हैं, जिससे मरीजों को काफी परेशानी आती है। इस नई व्यवस्था से सभी को फायदा मिलेगा।
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