scriptचलती ट्रेन में पुलिसकर्मियों के सामने लगते हैं जीत-हार के दाव | Running train in front of policemen, win-loss claims | Patrika News

चलती ट्रेन में पुलिसकर्मियों के सामने लगते हैं जीत-हार के दाव

locationग्वालियरPublished: Jul 11, 2019 10:49:09 am

Submitted by:

Parmanand Prajapati

चलती ट्रेन में पुलिसकर्मियों के सामने लगते हैं जीत-हार के दाव

चलती ट्रेन में पुलिसकर्मियों के सामने लगते हैं जीत-हार के दाव

चलती ट्रेन में पुलिसकर्मियों के सामने लगते हैं जीत-हार के दाव

ग्वालियर. झांसी से ग्वालियर के बीच चलने वाली ट्रैनों में रोजाना ही जीत-हार ही दाव लगते हैं। जिसमें लोगों द्वारा 500 से 1000 तक के दाव लगाए जाते हैं। अहम बात तो यह है कि जो लोग चलती ट्रैन में जुआ खेलते हैं उन पर पुलिसकर्मियों द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। लोगों को जुआ खेलते देखने के बाद भी पुलिसकर्मी अनदेखा कर निकल जाते हैं। कई बार तो पुलिसकर्मी ही जुआ खेलने वाले लोगों से पैसे लेकर अंजान बनकर निकल जाते हैं। चलती ट्रैनों में जुुआ खेलने वालों में सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारी शामिल हैं जो कि सुबह और रात के समय अप-डाउन के दौरान जुआ खेलते हैं। इस बात का खुलासा एक्सपोज रिपोर्टर द्वारा झांसी से ग्वालियर तक चलने वाली 11108 बुंदेलखंड एक्सप्रेस में किया।
एक्सपोज रिपोर्टर द्वारा जब झांसी से ग्वालियर तक चलने वाली 11108 बुंदेलखंड एक्सप्रेस में रोजाना खेले जाने वाले जुए को लेकर जायजा लिया तो पता चला कि झांसी, दतिया और डबरा से ग्वालियर नौकरी करने के लिए आने वाले लोग चलती ट्रैन में ही ताश की गड्ढ़ी लेकर फड जमाकर बैठ जाते हैं, फिर शुरु होता है जीत और हार के दाव का खेल। शुरुआती तौर पर तो 50 से 100 रुपए तक के दाव लगते हैं, लेकिन जैसे-जैसे माहौल बनता जाता है तो दाव हजारों रूपए तक के लगने लगते हैं। बुदेलखंड के कोच क्रं एस 1 में भी दोनों सीटों पर बैठे छह लोगों ने दतिया से ही दाव लगाना शुरु कर दिए। अहम बात तो यह है कि उन्हे रोकने-टोकने वाला नहीं था, जिसके चलते वह बैखौफ होकर जुआ खेलते रहते हैंं। ऐसे में जुआरियों के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस जुआ खेलने के लिए सुरक्षित स्थान बनता जा रहा है। जहां पर अप-डाउन करने वाले लोग सुबह ड्यूटी पर आते समय और शाम को ड्यूटी से घर लौटते समय जीत और हार के दाव लगाते हैं। फिर भी रेलवे प्रबंधन द्वारा ट्रैन में जुआ खेलने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं की जा रही है।
बिगाड़ते हैं माहौल– ट्रैनों में अप-डाउन करने लोग रिजर्वेशन कोच में यात्रियों के बीच ही बैठ जाते हैं। यहां तक की जिस व्यक्ति का रिजर्वेशन होता है तो उसे भी जगाकर बैठने को कह देते हैं। जुआ खेलने के दौरान ही गाली-गलौज करते हैं, जिससे ट्रैनों में सफर करने वाले परिवार के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। माहौल बिगढ़ते देख अगर किसी के द्वारा विरोध किया जाता है तो अप-डाउन करने वाले लोग लोकल के होने के कारण संबंधित लोगों से भी विवाद करते है। ऐसे में यात्रियों को मजबूरी वस शांत रहना पड़ता है। क्योंकि अप-डाउन करने वालों की संख्या ज्यादा होती है, जिसका ही वह फायदा उठाते हैं।
ट्रैन में ही ब्याज पर मिल जाता है पैसा– ट्रैनों में जुआ खेलने वालों को पैसा भी ब्याज पर तत्काल मिल जाता है। क्योंकि जुआ खेलने वालों के साथ ही कई सूदखोर भी ट्रैन में ही सफर करते हैं, उनका काम सिर्फ पैसे ब्याज पर देने का होता है। जब भी कोई अगर जुए में पैसा हार जाता है तो सूदखोर उससे संपर्क कर ब्याज पर पैसा उपलब्ध करा देते हैं। जुए में ब्याज पर पैसे देने वाले सूदखोरों द्वारा १० से १५ प्रतिशत प्रति सैंकड़ा के हिसाब से पैसा ब्याज पर दिया जाता है। वहीं जुआरी भी अधिक ब्याज की चिंता न करते हुए सूदखोरों द्वारा मांगे जाने वाले ब्याज को चुका देते हैं। ऐसे में ट्रैन में जुआ के साथ-साथ ही ब्याज का काम भी जमकर चल रहा है।
पुलिसकर्मी भी नहीं करते सुनवाई – ग्वालियर से ट्रेन के चलते ही जुआ खेलने वाले लोगों द्वारा रिजर्वेशन कोच में सीटों पर कब्जा कर लिया जाता है। ऐसे में रिजर्वेशन कराकर यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि जुआ खेलने वाले लोगों द्वारा रिजर्वेशन वाले यात्रियों से कह दिया जाता है कि हमें तो अगले स्टेशन पर उतरना है। तब तक कहीं और जाकर बैठ जाओ। कई बार तो जुआरियों की संख्या अधिक होने के कारण रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों को खड़े होकर अगले स्टेशन आने तक का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में यात्रियों द्वारा पुलिसकर्मियों से भी शिकायत की जाती है तो पुलिसकर्मी भी अनसुना कर देते हैं। जिस कारण ही रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों की परेशानी कम नहीं हो रही है।

कार्रवाई कराई जाएगी– ट्रैन में कोई भी जुआ नहीं खेल सकता है। अगर ऐसा हो रहा है तो यह गंभीर मामला है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देकर ट्रैनों में जांच कराई जाएगी और जो भी लोग जुआ खेलते मिलते हैं तो उनके खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई कराई जाएगी।
मनोज कुमार- पीआरओ, झांसी मंडल
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