पुलिस ने हत्या के इस मामले का खुलासा चौबीस घंटे में कर दिया। शव हजीरा के नरसिंह नगर में रहने वाली 40 वर्षीय आरती उर्फ लक्ष्मी मिश्रा का था। उसे तांत्रिक के शिष्य बताने वाले ट्रक ड्राइवर नीरज परमार ने पांच हजार रुपए का लालच देकर बुलाया था। अपने घर पर उसके साथ बलात्कार करने के बाद नीरज ने उसे गला घोंटकर मार डाला। जिस समय उसे मौत के घाट उतारा जा रहा था, तब तांत्रिक मोबाइल पर मंत्र पढ़ रहा था। इस अंधे कत्ल के पीछे चौंकाने वाली घटना सामने आई है। उसकी हत्या की साजिश पुरानी छावनी में रहने वाली मीरा राजावत ने अपने प्रेमी नीरज परमार के साथ मिलकर भाभी ममता के यहां संतान के जन्म की लालसा में रची थी।
आरती रात में अकेले घर से निकली, सुबह मिला शव
बता दें कि आरती का शव गुरुवार सुबह ५ बजे के करीब ट््िरपल आईटीएम और बिजली घर के बीच सड़क किनारे लावारिस पडा मिला था। आरती की पहचान के साथ पता चला कि आरती का 8 साल पहले तलाक हो चुका है। वह मंशाराम कुशवाह के मकान में किराएदार थी। उसकी दोस्ती गलत संगत वाली महिलाओं से थी। आरती को बुधवार रात 8 बजे मकान मालिक ने घर से जाते हुए देखा था। वहां रात में कहां जा रही है यह नहीं पूछा था। २४ घंटे बाद आरती के कत्ल का चौकाने वाला खुलासा हुआ है।
भाभी को नहीं थी संतान, तांत्रिका बोला- बलि दो
पुलिस ने बताया मीरा राजावत के भाई बेटू भदौरिया की शादी १8 साल पहले ममता से हुई थी। उनके यहां कोई संतान नहीं थी। मीरा ने अपने प्रेमी नीरज को यह बात बताई तो उसने भरोसा दिलाया कि उसका गुरू बालकदास उर्फ सखी बाबा निवासी मुरार इसका तोड़ बता देगा। दोनों तांत्रिक से मिले तो उसने बताया कि ममता संतान को तभी जन्म देगी जब किसी ऐसी महिला की बलि दी जाए, जिसकी कोई संतान न हो।
15 दिन से तलाश, 5 हजार में बुलाया
तांत्रिक की सलाह पर मीरा और नीरज करीब 15 दिन से बांझ महिला की तलाश में थे। नीरज गलत महिलाओं की संगत में था। उसने नि:संतान महिला की तलाश की तो उसे आरती का मोबाइल नंबर मिल गया। बुधवार रात नीरज ने आरती को कॉल बुलाया। इसके एवज में ५ हजार रुपए देना तय किया। आरती भी नीरज के झांसे में आ गई। मीरा और नीरज उसे गोला का मंदिर से ऑटो में पुरानी छावनी में बेटू के घर ले गए।
तांत्रिक ने मोबाइल पर मंत्र पढ़ा, महिला का गला घोंटा
आरोपियों ने हत्याकांड में हैरतअंगेज खुलासा किया। उन्होंने बताया कि नीरज ने आरती के साथ शारीरिक संबंध बनाए, फिर ममता, मीरा के साथ मिलकर उसे छत पर लेकर पहुंचे। नीरज ने तांत्रिक को फोन लगाया तो उसने मंत्र पढऩा शुरू कर दिया, इस बीच ममता को आरती के सामने खड़ा कर आरती को सेव दिया। जैसे ही आरती सेव लेने के लिए झुकी नीरज ने उसके दुपट्टे से गला घोंट दिया। कुछ देर छटपटा कर आरती ने दम तोड़ दिया।
तांत्रिक बोला घर ले आओ शव, पूजा होगी
आरती की हत्या करने के बाद हत्यारोपियों ने उसका शव दो घंटे तक छत पर ही छिपा कर रखा फिर तांत्रिक बालकदास को फोन लगाए। लेकिन रात ज्यादा हो चुकी थी इसलिए बालकदास ने फोन रिसीव नहीं किया। सुबह करीब ४ बजे बालकदास ने कहा कि आरती के शव को उसके ठिकाने पर ले आओ पूजा करना पडेगी। उसके बुलावे पर मीरा और नीरज शव को बाइक पर लादकर मुरार के लिए निकले, लेकिन ट्रिपल आइटीएम और बिजलीघर के बीच शव बाइक से सरक कर सड़क पर गिर गया। उसे उठाने में पकड़े जाने का खतरा था तो हत्यारोपी शव को वहीं पटककर भाग गए।