यह भी पढ़ें
कांगेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक की गिरफ्तारी के आदेश,समर्थकों में मायूसी
यह आचार संहिता से पहले तय किया जा चुका था। बसों का परमिट एक महीने का दिया गया था। आचार संहिता लागू होने की वजह से परमिट रिन्यू न हो सका। इस वजह से संचालन बीते एक महीने से बंद था। परिवहन विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र के लिए दो बसों का परमिट रिन्यू किए जाने के बाद मंगलवार को संचालित की गईं। इन दोनों बसों ने चार-चार चक्कर लगाए। यह भी पढ़ें
मंत्री के स्वागत में पैरों में झुक गए यह कलेक्टर,देखें वीडियो
एसटीएटी कोर्ट की शरण में पहुंचे निजी बस ऑपरेटर
अब तक निजी बस ऑपरेटर, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में संचालित की जा रही बसों को लेकर आपत्ति दर्ज कर रहे थे। बसों का संचालन नहीं करने दे रहे थे। अब वे परिवहन विभाग के एसटीएटी कोर्ट (स्टेट ट्रांसपोर्ट अपलेट ट्रिबनल) की शरण में पहुंच गए। इन बस ऑपरेटरों ने कोर्ट में अस्थाई परमिट के खिलाफ रिवीजन दायर की है।इस की सुनवाई 18 जनवरी को होगी।
यह भी पढ़ें
कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व विधायक को एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तारी के आदेश
ट्रैफिक में फंसी बसें
सिटी बस संचालन किए जाने के दौरान वे कई बार ट्रैफिक में फंसी। सबसे ज्यादा परेशानी जयेंद्रगंज, शिन्दे की छावनी, पड़ाव पुल, स्टेशन बजरिया पर हुई। वहीं टेम्पों चालकों द्वारा इन बसों को साइड न दिए जाने से, सवारी उतारने चढ़ाने में परेशानी आई और टेम्पो यातायात में बाधा बनते रहे।
यह भी पढ़ें