पति रात भर सोता रहा और पत्नी कर बैठी ऐसा काम कि सुबह उठकर मच गया कोहराम, खबर होश उड़ा देगी
तीन दिन पूर्व सिकरौदा नहर के पास पुलिस पर हमले के बाद रेत माफिया के लोग मुख्य मार्गों से कम ही निकल रहे हैं। उन्होंने अपने गुप्त रास्ते तैयार कर लिए हैं। रेत माफिया ने खेरा गांव के नीचे क्वारी नदी से रास्ता बनाया है। रेत के टै्रक्टर-ट्रॉली नहर से बिंडवा गांव होते हुए क्वारी नदी पार करके सीधे बायपास पर पहुंचते हैं। यहां से कुछ बड़ोखर हनुमान मंदिर से होते नंदे का पुरा और शिकारपुर फाटक या शिवलाल का पुरा होते हुए ग्वालियर की तरफ निकल जाते हैं।
तीन दिन पूर्व सिकरौदा नहर के पास पुलिस पर हमले के बाद रेत माफिया के लोग मुख्य मार्गों से कम ही निकल रहे हैं। उन्होंने अपने गुप्त रास्ते तैयार कर लिए हैं। रेत माफिया ने खेरा गांव के नीचे क्वारी नदी से रास्ता बनाया है। रेत के टै्रक्टर-ट्रॉली नहर से बिंडवा गांव होते हुए क्वारी नदी पार करके सीधे बायपास पर पहुंचते हैं। यहां से कुछ बड़ोखर हनुमान मंदिर से होते नंदे का पुरा और शिकारपुर फाटक या शिवलाल का पुरा होते हुए ग्वालियर की तरफ निकल जाते हैं।
कुछ टै्रक्टर-ट्रॉली बायपास से शहर के अन्य मार्गों से होकर निकलते हैं। टास्कफोर्स ने पिछले माह घिरौना मंदिर के बगल से कार्रवाई की थी। इसी तरह अगर लालौर खेरा मार्ग पर कार्रवाई की जाए तो यहां से भी टै्रक्टर-ट्रॉली भाग नहीं सकते, क्योंकि कच्चा व संकरा एक ही रास्ता है, लेकिन जो भी कार्रवाई होती हैं, वह मुख्य मार्गों पर ही होती हैं। ग्रामीणों में चर्चा है कि लालौर खेरा मार्ग पर वन विभाग के कर्मचारी आते तो हैं लेकिन बिना कार्रवाई के लौट जाते हैं।
नहीं चेता प्रशासन
पुलिस पर हमले के बाद पुलिस ने एक दिन सिर्फ कुछ घंटों के लिए कार्रवाई की। उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की। अगर रेत माफिया के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जाए तो हमला करने वालों के मंसूबे ध्वस्त किए जा सकते हैं।
पुलिस पर हमले के बाद पुलिस ने एक दिन सिर्फ कुछ घंटों के लिए कार्रवाई की। उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की। अगर रेत माफिया के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जाए तो हमला करने वालों के मंसूबे ध्वस्त किए जा सकते हैं।
लालौर-खेरा के नीचे रेत माफिया द्वारा क्वारी नदी को पाटकर रास्ता बनाया है, इसकी हमको जानकारी नहीं है। अब आपने बताया है तो पुलिस फोर्स भेजकर दबिश दिलवाते हैं, कार्रवाई की जाएगी।
एसएस तोमर, सीएसपी, मुरैना
एसएस तोमर, सीएसपी, मुरैना