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ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नाथ पांडेय के मुताबिक शनिचरी अमावस्या शनिदोष से पीडि़त व्यक्तियों के लिए विशेष फलदायी रहेगी। यह अमावस्या शतभिषा नक्षत्र में पडऩे से कुंभ, मकर और तुला राशि के लिए लाभदायी रहेगी। वहीं, मेष वृश्चिक और धनु राशि के जातकों के लिए उत्तम फलदायी नहीं रहेगी, जिन जातकों की राशि पर शनि की महादशा चल रही है। वे साढ़े साती और अढ़ाइया के दोष से पीडि़त हैं वे शनिचरी अमावस्या पर शनि चालीसा, शनि स्तवराज, शनि अष्टक और शनि स्रोत का पाठ करते हैं तो दोष से निवारण होगा। बढ़ी तादाद में श्रद्धालु शनिचरा पहुंचकर पूजा अर्चना करेंगे। इसके अलावा शहर में स्थित नवग्रह मंदिरों पर पहुंचकर पूजा-पाठ व धार्मिक अनुष्ठान किया जाएगा।
इनके लिए रहेगी लाभकारी
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी का कहना है कि जातकों की कुंडली में पितर दोष है। कालसर्प दोष एवं शनि प्रकोप है। ऐसे घरों में हर वक्त कलह बना रहता है। परिवारिक सदस्यों में मनमुटाव, लड़ाई-झगड़ा होता रहता है। इन घरों में लड़का लड़की की शादी में देरी होती है। संतान को कष्ट रहता है। व्यापार धंधा भी नहीं चलता है। ऐसे साधकों को शनिदोष निवारण के लिए पूजा-अर्चना करने से दोष का निदान कर सकेंगे।
ऐसे करें पूजा
शनिचरी अमावस्या को शनि मंदिर में पहुंचकर सरसों के तेल से शनिदेव का अभिषेक करें। काला कपड़ा दान करें। काला उड़द चढ़ाए। तेल का दीपक पीपल या शमी के पेड़ के नीचे लगाएं।