देख-रेख के अभाव में योजना फ्लॉप स्कूलों और कॉलेजों में अध्ययनरत छात्राओं की सेहत का ख्याल रखते हुए शासन द्वारा योजना तैयार कर स्कूलों और कॉलेजों में ही छात्राओं को 5 रुपए में सेनेट्री पैड उपलब्ध कराए जाने की बात कही थी। इसके लिए सभी स्कूलों और कॉलेजों में सेनेट्री पैड वितरण (वेंडिंग) मशीनें लगवा दी गई। वहीं मशीने लगवाए जाने के दौरान कई माह तक तो छात्राओं को इसकी सुविधा मिल सकी। लेकिन देख-रेख के अभाव में यह योजना फ्लॉप साबित होने लगी। क्योंकि स्कूलों और कॉलेजों में प्रबंधन द्वारा मशीनों के सही से संचालन के संबंध में कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसके चलते कई स्कूलों और कॉलेजों से सेनेट्री पैड वितरण (वेंडिंग) मशीन गायब हो चुकी है। वहीं जहां पर लगी भी है तो वहां पर सेनेट्री पैड निकलते ही नहीं है। जिसके चलते कई बार छात्राओं द्वारा स्कूल और कॉलेजों के प्रबंधनों को अवगत कराया गया है। लेकिन स्कूल और कॉलेज प्रबंधनों द्वारा छात्राओं की सुविधा को देखते हुए सेनेट्री पैड वितरण (वेंडिंग) मशीनों को नियमित चालू कराए जाने के संबंध में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
संबंधित विभाग नहीं दिखाते रुचि शासन के निर्देशानुसार स्कूल और कॉलेजों के प्रबंधनों द्वारा सेनेट्री पैड वितरण (वेंडिंग) मशीनें लगवा तो दी गईं थी। लेकिन प्रबंधनों द्वारा इस योजना को गंभीरता से नहीं लिया और कुछ ही माह में मशीनें खराब होने लगी। स्कूल और कॉलेज के प्रबंधनों द्वारा मशीनों को दुरुस्त कराए जाने के संबंध में कोई रुचि नहीं दिखाई। यही कारण है कि स्कूलों और कॉलेजों में लगी सेनेट्री पैड वितरण (वेंडिंग) मशीनें खराब होती जा रही है। जिसके चलते ही छात्राओं को सुविधा से बंचित होना पड़ रहा है।