शताब्दी की बोगियों खाली, खाने के पैकेट घटे . नॉनवेज खाना बंद, शाकाहारी भोजन के पैकेट 1500 से 500तक आए ग्वालियर. ग्वालियर. कोरोना वायरस के डर से हर कोई बचने का प्रयास कर रहा है। इसी के चलते इन दिनों इसका असर ट्रेनों में भी देखने को मिल रहा है। देश की तेज दौडऩे वाली शताब्दी एक्सप्रेस में इन दिनों इसका खोफ बना हुआ है। इसका असर यह हो रहा है कि शताब्दी में यात्रा करने वाले यात्री काफी कम हो गए है। इसके अधिकांश कोच लगभग खाली ही पड़े हुए है। इसके चलते शताब्दी एक्सप्रेस में खाने के पैकेटों पर भी काफी असर पड़ा है। ग्वालियर से शताब्दी की बैसकिचन से सुबह और शाम को ट्रेन में खाना चढ़ाया जाता है। लेकिन यात्रियों की कमी के चलते अब १५०० खाने के पैकेट की जगह सिर्फ ५०० पैकेट ही पैक होकर ट्रेन में जा रहा है। वहीं इसमें अब पूरी तरह से यात्रियों ने नॉनवेज खाने से तौबा कर ली है। गुरूवार को नईदिल्ली से भोपाल की ओर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस में पत्रिका टीम ने इस व्यवस्था को देखा।स्टेशन पर डाक्टर तो किए तैनात लेकिन खाली हाथ स्वास्थ्य विभाग ने यात्रियों की देखरेख के लिए गुरुवार से डॉक्टर व अन्य स्टाफ को तैनात कर दिया है। बारह घंटे तक रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म एक पर यह डॉक्टर व स्टाफ बैठना भी शुरू हो गया है, लेकिन पहले ही दिन देखने में आया कि इन डॉक्टर व अन्य स्टाप पर कोई भी मशीन या दवाएं तक नहीं है। जिससे ट्रेन से उतरने वाले यात्री या प्लेटफॉर्म पर आने वाले यात्रियों की कोई जांच तक नहीं हो रही है। यह सभी लोग सीधे अंदर बाहर आ जा रहे है।