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एससी-एसटी एक्ट को लेकर उच्च न्यायालय ने सुनाया सबसे बड़ा फैसला,जरूर पढ़ें यह खबर

locationग्वालियरPublished: Dec 07, 2018 08:38:16 pm

Submitted by:

monu sahu

एससी-एसटी एक्ट को लेकर उच्च न्यायालय ने सुनाया सबसे बड़ा फैसला,जरूर पढ़ें यह खबर

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एससीएसटी एक्ट को लेकर उच्च न्यायालय ने सुनाया सबसे बड़ा फैसला,जरूर पढं़े यह खबर

ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने एससीएसटी एक्ट के मामले में आरोपी मंघाराम एवं अन्य की याचिका निराकरण करते हुए न्याय का यह सिद्धांत प्रतिपादित किया है कि एससीएसटी एक्ट के अपराध में गिरफ्तारी के लिए संपूर्ण शक्तियों का उपयोग करने से पहले पुलिस सीआरपीसी की धारा 41-ए, 419-बी, 41-सी तथा 41 डी का पालन करे। न्यायमूर्ति शील नागू ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 10 अक्टूबर 2018 को अर्नेश कुमार के मामले में पारित न्याय सिद्धांत में हस्तक्षेप किए बिना इस मामले में यह दिशा निर्देश दिए हैं कि पुलिस अत्यंत आवश्यक होने पर ही आरोपी की गिरफ्तारी करेगी।
वह भी तब जब कि आरोपी या अपीलार्थी द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि अपीलार्थी जांच में सहयोग करता है तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाए। आरोपी अपीलार्थी मंघाराम व अन्य द्वारा द्वारा एसटीएसटी एक्ट के तहत सत्र न्यायालय द्वारा आरोपी के अग्रिम जमानत के आवेदन को खारिज कर दिए जाने के आदेश को निरस्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया था।
फरियादी जितेन्द्र द्वारा पुलिस को मौखिक शिकायत की थी कि शिक्षक मंघाराम झा द्वारा उसे जातिगत अपमानित किया गया। शिक्षक ने उसकी पिटाई भी की थी जिससे उसे मामूली चोट आई थी। इस शिकायत पर शिक्षक व अन्य के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। फरियादी छात्र द्वारा शिक्षक की योग्यता पर भी सवाल उठाए थे।
इसलिए किया था सीआरपीसी की धारा 41 में संशोधन
आम आदमी की सामाजिक और मान प्रतिष्ठा को बचाने के लिए सीआरपीसी की धारा 41 में संशोधन कर नई धारा 41 ए जोड़ी गई है जो एक नवंबर 2010 से लागू हो गई है। इस धारा में स्पष्ट कहा गया है कि सात साल तक की सजा वाले अपराध के मामलों में चाहे जमानती हो या गैर जमानतीय नामजद आरोपी की गिरफ्तारी से पहले उसे लिखित नोटिस दी जाएगी।
आरोपी का पक्ष सुने बिना उसकी गिरफ्तारी नहीं होगी। इसका आशय स्पष्ट है कि जब तक आरोपी के खिलाफ प्रमाण एकत्र न हो तब तक उसकी गिरफ्तारी न की जाए। वहीं 41 बी में गिरफ्तारी की प्रक्रिया और गिरफ्तार करने वाले अधिकारी के कर्तव्य दिए गए हैं।
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