सुभद्रा कुमारी की कविता पर आधारित
इस महानाट्य की स्क्रिप्ट सुभद्राकुमारी चौहान की कविता खूब लड़ी मर्दानी पर तैयार की गई है। आयोजकों की मानें तो मराठी साहित्य में भी इसका उल्लेख मिलता है। शुरू कराई बलिदान दिवस की परंपरा
यह नाटक भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के लक्ष्मीबाई बलिदान मेला समिति की ओर से हर साल किया जाता है। इसमें वंदेमातरम समूह के कलाकरों द्वारा मंचन होता है। नाटक के लेखक और निर्देशक चन्द्र प्रताप सिंह सिकरवार हैं। रानी लक्ष्मीबाई के अस्त्र-शस्त्र की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है।
इस महानाट्य की स्क्रिप्ट सुभद्राकुमारी चौहान की कविता खूब लड़ी मर्दानी पर तैयार की गई है। आयोजकों की मानें तो मराठी साहित्य में भी इसका उल्लेख मिलता है। शुरू कराई बलिदान दिवस की परंपरा
यह नाटक भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के लक्ष्मीबाई बलिदान मेला समिति की ओर से हर साल किया जाता है। इसमें वंदेमातरम समूह के कलाकरों द्वारा मंचन होता है। नाटक के लेखक और निर्देशक चन्द्र प्रताप सिंह सिकरवार हैं। रानी लक्ष्मीबाई के अस्त्र-शस्त्र की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है।
महानाट्य में शामिल होते हैं ऊंट, घोड़े, बैलगाड़ी और रथ
एक घंटे 10 मिनट के महानाट्य में घोड़े,ऊंट, बैलगाड़ी, रथ, 15 हाइड्रोलिक मंच सहित 300 से अधिक कलाकार मंच पर उतरते हैं। 15 मंचों पर लाइव परफॉर्मेंस होती है।
एक घंटे 10 मिनट के महानाट्य में घोड़े,ऊंट, बैलगाड़ी, रथ, 15 हाइड्रोलिक मंच सहित 300 से अधिक कलाकार मंच पर उतरते हैं। 15 मंचों पर लाइव परफॉर्मेंस होती है।
महानाट्य सुभद्रा कुमारी की कविता को बेस बनाकर तैयार किया गया है। इतिहास में ंिसधिया परिवार के लिए विशेष शब्द का उल्लेख होता है।
चंद्रप्रताप सिंह सिकरवार, लेखक-निर्देशक
चंद्रप्रताप सिंह सिकरवार, लेखक-निर्देशक