आज सुबह 7.45 बजे जब वनस्थली स्कूल का मैजिक वाहन जब करमाजकलां गांव से बच्चों को लेकर स्कूल की ओर आ रहा था, तो गांव से निकलते ही उसकी स्टेयरिंग फेल हो गई और तेज रफ्तार में वाहन सडक़ किनारे उतरकर एक पेड़ से जा टकराया। वाहन के टकराते ही उसमें सवार बच्चों में चीख-पुकार मच गई। इस हादसे में वाहन में सवार में नीरज (6 ) पुत्र रामरतन यादव निवासी खोईया, राजा (11) पुत्ररामगोपाल यादव, प्रदीप (9) पुत्रभीम यादव, राजेंद्र (10) पुत्र शंकर यादव, घनश्याम (5) पुत्र वीरेंद्र यादव निवासीगण करमाजकलां, घायल हो गए। वाहन हरप्रसाद पुत्र लक्ष्मणलाल ओझा निवासी सेसई सडक़, चला रहा था।
हादसे के समय वाहन में 11 बच्चे सवार थे, जबकि नियमानुसार 9 से ’यादा बच्चों को नहीं बिठा सकते। वाहन के टकराते ही आसपास के ग्रामीणों ने घायल ब”ाों को बाहर निकाला और अपने निजी साधनों से उन्हेंं लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। सभी बच्चों के सिर में चोट लगी है, जिन्हें मरहम पट्टी की गई। पुलिस ने इस मामले में वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
सतत चेकिंग अभियान के बादी भी नहीं सुधर रहे हालात
स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर ट्रेफिक पुलिस द्वारा सतत अभियान चलाया जा रहा है। गुरुवार को भी शिवपुरी शहर के विभिन्न नाकों पर स्कूल वाहनों की चेकिंग की गई, इस दौरान वाहनों में कई खामियां भी मिलीं। सतत मॉनीटरिंग के बावजूद भी स्कूलों में बड़ी संख्या में कंडम वाहनों को चलाया जा रहा है। स्थिति यह है कि पुरानी यात्री बसों को खरीदकर उन पर रंग-रोवन करके स्कूलों में चलाया जा रहा है। हर बार चेकिंग अभियान में वाहन के दस्तावेज देखे जाते हैं, जबकि वाहनों की कंडीशन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। आज जो मैजिक वाहन पेड़ से टकराया, वो भी बहुत पुराना व कंडम है, जिस पर रंगाई-पुताई करके उसमें बच्चे ढोए जा रहे हैं।
बिना भौतिक सत्यापन के बन रहे फिटनेस कार्ड
स्कूलों में चल रहे वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट जिला परिवहन विभाग द्वारा बनाया जाता है। जहां पर वाहन का बिना भौतिक सत्यापन किए, सिर्फ मोटी फीस वसूल कर फिटनेस बना दिया जाता है। शिवपुरी शहर के निजी स्कूलों में कई ऐसे वाहन हैं, जो जब शहर के रास्तों से निकलते हैं, तो उनमें से निकलने वाले धुएं से पूरी सडक़ पर अंधेरा सा छा जाता है। लेकिन जब इन वाहनों के कागजात देखो तो सभी के पास फिटनेस सर्टिफिकेट मिलता है। यही वजह है कि स्कूलों में बेरोकटोक कंडम वाहन चलाए जा रहे हैं, जिसमें बच्चों की जान को खतरा बना हुआ है।
टायमिंग के फेर में रहती है अधिक रफ्तार
स्कूली वाहनों में स्पीड गर्वनर लगाए जाने के निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं, लेकिन शिवपुरी में चल रहे अधिकांश स्कूली वाहनों में स्पीड गर्वनर सिर्फ कार्यवाही से बचने के लिए लगाए गए हैं। हर रोज सुबह जब यह स्कूल वाहन बच्चों को लेने जाते हैं, तो उनकी रफ्तार बहुत तेज होती है। बीते वर्ष चेकिंग के दौरान जब पोलोग्राउंडमें इन वाहनों के स्पीड गर्वनर चेक किए थे, तो सभी वाहन तेज रफ्तार दौड़ते मिले थे।