उन्हें यह भी पता था कि किस रास्ते से जाने पर उनकी पहचान नहीं होगी। क्योंकि संजय की दुकान तक पहुंचने के लिए गेडेवाली सडक़ से दो रास्ते हैं। इलाके में रात को पानी सप्लाई होती है तो पानी भरने के लिए एक रास्ते पर लोगों जगार हो जाती है, जबकि दूसरा रास्ता नसिया जैन मंदिर से होकर रामकुई पर जाता है इस पर सन्नाटा रहता है। इसलिए दोनों लुटेरे उसी रास्ते से गए थे। सोमवार को एएसपी सत्येन्द्र तोमर ने घटनास्थल का निरीक्षण कर इंदरगंज और जनकगंज थानेे के फोर्स को भी मौके पर बुलाकर लुटेरों को पकडऩे की हिदायत दी। उधर वारदात के बाद संजय का परिवार सहमा हुआ है। रात को संजय और उसके पडोसी अपने स्तर पर चौकसी करते रहे। शनिवार-रविवार रात करीब डेढ बजे लुटेरे संजय के घर में घुसे थे। तंमचे की नोंक पर परिवार को बंधक बनाकर माया के कान से टाप्स और बालियां उतारीं थीं। दुकान में घुसकर करीब १० हजार रुपया लूटा था।