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शक्ति प्रताप सिंह को उच्च न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत

locationग्वालियरPublished: Feb 25, 2020 09:52:33 pm

-व्यापमं मामले में है आरोपी, आठ साल में पुलिस और सीबीआई नहीं पहुंच सकी आरोपी तक

शक्ति प्रताप सिंह को उच्च न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत

शक्ति प्रताप सिंह को उच्च न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत

ग्वालियर। शीर्ष भारतीय जनता पार्टी के नेता के करीबी गुलाब सिंह किरार के पुत्र शक्ति सिंह किरार के अग्रिम जमानत आवेदन को उच्च न्यायालय ने मंजूर कर लिया है। शक्ति सिंह का यह उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए तीसरा आवेदन था। इससे पूर्व उच्च न्यायालय में विशेष न्यायालय सीबीआई द्वारा उसके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने के लिए प्रस्तुत याचिका को खारिज कर दिया था। सीबीआई ने इस मामले में शीर्ष भाजपा नेता एवं ग्वालियर के एक बड़े डॉक्टर को पहले ही क्लीन चिट दे चुकी है। शक्ति सिंह ने तीसरे आवेदन में अपने खराब स्वास्थ्य को आधार बनाया था। न्यायालय ने आरोपी शक्ति सिंह की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसे अग्रिम जमानत पर रिहा किए जाने के आदेश दिए हैं। इस मामले में २४ आरोपियों के खिलाफ सीबीआई पूर्व में ही चालान पेश कर चुकी है। आशीष चतुर्वेदी की शिकायत पर दर्ज हुई है एफआईआरव्यापमं महाघोटाले के व्हिसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी की सूचना पर झांसी रोड थाना पुलिस ने १६ जुलाई २०१४ शक्तिसिंह सहित अन्य आरोपीगण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के अनुसार शक्ति प्रताप सिंह किरार का फर्जीवाडा कर पीजी में चयन कराया गया था । इस फर्जीवाडे में शक्तिप्रताप सिंह की मध्यप्रदेश में फस्र्ट रैंक आई थी। इसके लिए ५० लाख रुपए का भुगतान किया गया था। गिरफ्तारी पर रोक से किया था इंकार शक्ति सिंह ने सीबीआई कोर्ट द्वारा उसके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाए जाने के लिए याचिका प्रस्तुत की थी। जिसे पूर्व में उच्च न्यायालय ने खारिज करते हुए कहा था कि आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने में निचली कोर्ट ने कोई चूक नहीं की है। इसके बाद आरोपी ने सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका प्रस्तुत की थी, यहां से भी उसे कोई लाभ नहीं मिला था। इतना सब कुछ होने के बाद भी पहले पुलिस शक्ति सिंह का पता नहीं लगा पाई थी फिर जब यह मामला सीबीआई के पास पहुंचा तो वह भी उसे पकड़ नहीं सकी। इससे पहले उसे जमानत मिल गई है। आरोपी के खिलाफ भादसं की धारा १२० बी, ४२०, ४६७, ४६८, ४७१, ४७७ तथा परीक्षा अधिनियम के तहत अपराध दर्ज है।
डॉ कृष्णन का जमानत आवेदन खारिजग्वालियर। व्यावसायिक परीक्षा मंडल महाघोटाले की सुनवाई कर ही सीबीआई की विशेष कोर्ट ने पटना मेडिकल कॉलेज के एमएस के छात्र डॉ महेश कृष्ण के जमानत आवेदन को नामंजूर कर दिया। डॉ कृष्णन ने १९ फरवरी २० को आत्मसमर्पण किया था उसके बाद से वह जेल में है। डॉ कृष्णन ने जमानत के लिए आवेदन लगाया गया था जिसका की शासन की ओर से विरोध किया गया। डॉ कृष्णन ने वर्ष २०१० में राजेन्द्र वास्केल के स्थान पर परीक्षा दी थी। इस बात का खुलासा ८१ छात्रों के एडमिट कार्ड की जांच में हुआ था। इस मामले में २११ लोग आरोपी बनाए गए हैं। डॉ. सोहराब को भेजा जेल व्यापमं घोटाले में एक अन्य आरोपी डॉ. सोहराब आलम को सीबीआई ने मंगलवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी के आवेदनों को खारिज कर जेल भेज दिया। डॉ. सोहराब आलम पर आरोप है कि उसने ने पीएमटी परीक्षार्थियों को सॉल्वर मुहैया कराए थे। । लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज का छात्र सोहराब को सीबीआई ने बिहार के गोपालगंज से गिरफ्तार किया है।
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