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पिता को मजदूरी करते देख आती थी शर्म, नहीं माने तो बेटे ने मारी गोली

locationग्वालियरPublished: Jul 07, 2022 01:59:28 pm

Submitted by:

Subodh Tripathi

पिता का मजदूरी करना बेटे को अच्छा नहीं लगता था, उसे शर्म आती थी, उसने कई बार पिता को मजदूरी करने से मना किया, लेकिन वे नहीं माने, ऐसे ेमें बेटे ने ये बड़ा कदम उठाया।

पिता को मजदूरी करते देख आती थी शर्म, नहीं माने तो बेटे ने मारी गोली

पिता को मजदूरी करते देख आती थी शर्म, नहीं माने तो बेटे ने मारी गोली

ग्वालियर. बेटे का डेयरी का व्यवसाय होने के बाद भी पिता उसके साथ काम करने के बजाय 500 रुपए की मजदूरी पर दूसरे के यहां काम कर रहे थे। एक महीने से वह घर भी नहीं आए थे। एक माह के बाद कुछ दिन पहले ही वह घर आए। पिता का दूसरे के यहां मजदूरी करना बेटा सहन नहीं कर पा रहा था। उसने पिता को समझाया भी कि दूसरे के यहां काम करने से अच्छा घर का काम संभालो। उनके मजदूरी करने से परिवार की बेइज्जती होती है। बेटे के साथ पत्नी और बेटी ने भी समझाया लेकिन पिता नहीं माने। उनकी जिद के सामने बेटा हार गया। उसने आवेश में आकर जीजा की राइफल से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। सुसाइड के बाद परिवार ने राइफल को छिपाने की कोशिश भी की।
वोट डालने पर धक्का-मुक्की, नहीं रुका पिता

परिवार ने पुलिस को बताया बुधवार को भारत सिंह सुबह घर से निकले। भानू ने उन्हें जाने से मना किया। भारत सिंह का कहना था वह वोट डालने जा रहे हैं, लेकिन भानू को पिता की बात पर भरोसा नहीं हुआ। उसे शक था पिता झूठ बोल रहे हैं। उसने पिता को रोकने की कोशिश। दोनों में धक्का-मुक्की भी हुई थी, इसमें भारत सिंह को भी चोट आईं। तमाम कोशिश के बाद भी भानू पिता को नहीं रोक सका।
रोशनदान से घुसा, बंदूक से गोली मारी

पुलिस ने बताया पिता के घर से जाने पर भानू आवेश में आ गया। ज्योति और उसकी मां भांप गई, भानू बेकाबू हो रहा है। इसलिए जिस कमरे में बंदूक रखी थी, उसके दरवाजे पर ज्योति ने ताला भी लगा दिया। कमरे का रोशनदान खुला था। भानू उसमें से कूदकर अंदर गया। बंदूक दीवान में रखी थी। उसे निकाल कर नाल गर्दन पर सटाई। पैर से ट्रिगर दबाकर खुद को गोली मार ली। धमाका सुनकर ज्योति और उसकी मां अंदर घुसीं। उन्हें भानू की खून से लथपथ लाश पड़ी मिली। मंजर देखकर ज्योति वही बेहोश हो गई।

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