फैकल्टी ने बढ़ाया उत्साह दूसरी प्रस्तुति एमपीए अंतिम वर्ष के छात्र धर्मेंद्र सिंह तोमर द्वारा दी गई। जिसमे उन्होंने शिवभजन ओम नमो नम: शिवाय ‘विश्वेश्वर शंकर’ प्रस्तुत किया। तीसरी प्रस्तुति एमपीए प्रथम वर्ष की छात्राओं द्वारा दी गई। उन्होंने ध्रुपद पेश किया, जो की राग अड़ाना में था। कार्यक्रम में प्रभारी रजिस्ट्रार अजय शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ अंजना झा, डॉ हिमांशु द्विवेदी, हितेश मिश्रा, मनोज बमरले, पीआरओ विकास विपट सहित समस्त फैकल्टी उपस्थित रही।
शिव की अराधना का एक और नृत्य है ‘तारिका’ नृत्य के साथ ही कलाकारों ने बताया कि सावन माह हिंदी कैलेंडर में पांचवे स्थान पर आता है। शिव जो श्रवण देवता कहे जाते हैं, उन्हें इस माह में विभिन्न तरीकों से पूजा जाता है। शिव की अराधना का एक और नृत्य तरिका है।