शिवराज सिंह चौहान बोले बदमाशों के हवाले मत करो प्रदेश,गिर रहा है पुलिस का मनोबल
शिवराज सिंह चौहान बोले बदमाशों के हवाले मत करो प्रदेश,गिर रहा है पुलिस का मनोबल
ग्वालियर। शहर आए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बातचीत के दौरान कहा कि मैं अभी मुरैना से आ रहा हूं,वहां अपराधी खुलकर खेल रहे हैं। ऐसा लग रहा है जिस डकैत राज्य को हमने समाप्त किया था,वह अब फिर वापस आ गया है। टोल टैक्स पर विधायक का बेटा फायरिंग करे और उस पर कार्रवाई हो तो एसपी को बदल दिया जाए, तो फिर कौन पुलिस अफसर कार्रवाई करेगा। पुलिस का मनोबल इस समय गिरा हुआ है।उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को बैठाया जा रहा है जो आंख बंद करके यस सर करें,अवैध काम होने दें।
प्रदेश की स्थिति देखिए चित्रकूट की घटना की स्याही सूखी नहीं थी कि मऊगंज में वृद्ध दंपत्ति की हत्या हो गई, रीवा में गोलीबारी, सोनकच्छ के टोंक खुर्द में व्यापारी की हत्या, सिवनी में बेटियों के अपहरण का प्रयास हुआ है। कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त और चौपट हो गई है। ऐसा लग रहा है, जिस डकैत राज्य को खत्म किया गया था, वह अब फिर वापस आ गया है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से अपील है कि प्रदेश को बदमाशों के हवाले न करें, हम यह होने नहीं देंगे। दरअसल, प्रदेश के पूर्व सीएम और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान मुरैना दौरे से शाम को वापस लौटे थे, उन्होंने यहां आकर गांधी रोड स्थित सर्किट हाउस में प्रेस से प्रदेश की सरकार को लेकर चर्चा की।
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में तबादला उद्योग बन गया है। एक-एक दिन में चार-चार ट्रांसफर हो रहे हैं। ऐसा हाल रहा तो प्रदेश में अराजक माहौल बन जाएगा। एयर स्ट्राइक को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में नए भारत का उदय हुआ है, कोई हमें छेड़ेगा तो हम छोड़ेंगे नहीं। हम शांति के पुजारी हैं लेकिन गड़बड़ की तो किसी भी हालत में नहीं छोड़ेंगे। युद्ध के हालात बने तो इलेक्शन आगे बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने अधिकृत तौर पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। योजनाओं के संचालन को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार विकास के काम नहीं कर रही है, लॉ एंड ऑर्डर भी नहीं संभाल रही है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सोयाबीन और धान का बोनस किसानों को नहीं दिया गया, भावांतर के पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। सरकार बस भाजपा के चुने हुए प्रतिनिधियों को हटाने का काम कर रही है।
ग्वालियर महापौर को भी नोटिस निगम बोर्ड तुरंत भंग कर दिए, सहकारी बैंकों के अध्यक्षों को बोर्ड भंग करके हटाने की जुगत लगाई गई, सरपंचों को नोटिस देकर हटाने के प्रयास हो रहे हैं। महापौरों को कैसे हटाया जाए य प्रयास कर रहे हैं, छिंदवाड़ा के महापौर को नोटिस दिया तो कोर्ट ने स्टे दे दिया। ग्वालियर महापौर को भी नोटिस दिया गया है।
सारे महापौर इस मामले को लेकर मिले हैं, हम सभी ने बैठक में यह तय किया है कि यह नहीं होने देंगे। सरकार के निर्णयों के प्रतिरोध के लिए 6 मार्च की तारीख तय की है। 30 हजार करोड़ रुपए के काम बंद होने के सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा है कि अभी तो कुछ भी नहीं हो रहा है, विकास के काम पूरी तर हसे बंद हैं। यही हाल रहा तो प्रदेश का न जाने क्या हाल होगा लेकिन हम यह होने नहीं देंगे।