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pitra paksha पितृ अमावस्या पर भूले बिसरे पितरों को भी करा सकते हैं श्राद्ध,पूर्वजों से मिलता है उन्नति का अशिर्वाद

locationग्वालियरPublished: Sep 22, 2022 10:01:54 pm

Submitted by:

Harsh Dubey

सर्व पितृ अमावस्या 25 को: भूले-बिसरे पितरों का कर सकेंगे श्राद्ध, पिंडदान

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ग्वालियर. पितृपक्ष के अंतिम दिन 25 सितंबर को पितृमोक्ष अमावस्या है। यह दिन पितरों की विदाई का होता है। इस अमावस्या का उन लोगों को विशेष इंतजार रहता है, जिन्हें अपने किसी पितृ की तिथि ज्ञात नहीं है। शास्त्रों में ऐसे पितरों के निमित्त इसी दिन तर्पण, श्राद्ध और दान करने का उल्लेख है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन दीप दान और पिंड दान का विशेष महत्व है। सभी चाहते हैं कि उनके पितृ खुश होकर रवाना हों और उनके निमित्त वे जो अनुष्ठान कर रहें हैं, वह मंगलकारी हो। संयोगवश पितृ-मोक्ष अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि, रवि, बुधादित्य और कन्या राशि में चतुग्रही योग का संयोग रहेगा। इन योगों के चलते किए कर्मकांड शुभ फलदायी रहेंगे।

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