शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में धूमधाम से मनाई जाएगी जन्माष्टमी
देश के इस मंदिर में राधा-कृष्ण पहनते हैं 50 करोड़ के गहने, लाखों की संख्या में आते है भक्त
ग्वालियर। हर बार की तरह इस बार भी शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी। जिसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस वर्ष 23 और 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जानी है। गोपाल मंदिर की खासियत ये है कि जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण की मूर्तियों का विशेष श्रृंगार किया जाता है। यहां राधा-कृष्ण की मूर्ति को करोड़ों के गहने पहनाएं जाते हैं।
इसे भी पढ़ें : Shree krishna janmashtami 2019 : जन्माष्टमी पर यहां सजेगा फूल बंगला, भगवान के दर्शन करने का ये है शुभ मुहूर्त दरअसल सिंधिया राजवंश द्वारा गोपाल मंदिर का निर्माण कराकर यहां राधे-श्याम की मूर्तियां स्थापित कराई गयी थीं। यह बेशकीमती ज्वैलरी सिंधिया राज्य के दौरान राधा-कृष्ण को पहनाई जाती थी। गोपाल मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है। वहीं राधाकृष्ण के श्रृंगार को देखते हुए जन्माष्टमी पर नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन और पुलिस प्रशासन ने मंदिर में व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने के निर्देश दिए हैं।
इसे भी पढ़ें : 1000 साल पुराने इस मंदिर में शाम के बाद नहीं रूकता कोई, रात में दिखता है ये नजारायह है मंदिर का इतिहास गोपाल मंदिर में स्थापित भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमा को इन जेवरात से सुसज्जित करने की परंपरा आजादी के पूर्व से है। उस समय सिंधिया राजपरिवार के लोग व रियासत के मंत्री,दरबारी व आम लोग जन्माष्टमी पर दर्शन को आते थे। उस समय भगवान राधाकृष्ण को इन जेवरातों से सजाया जाता था। आजादी के बाद मध्यभारत की सरकार बनने के बाद गोपाल मंदिर,उससे जुड़ी संपत्ति जिला प्रशासन व निगम प्रशासन के अधीन हो गई है। नगर निगम ने इन जेवरातों को बैंक लॉकर में रखवा दिया।
इसे भी पढ़ें : प्रदेश के इस छोटे से जिले से 11 युवा बने सिविल जज, प्राची प्रदेश में तीसरे स्थान पर वर्षों तक ये लॉकरों में रखे रहे। इसके बाद साल 2007 में डॉ. पवन शर्मा ने निगमायुक्त की कमान संभाली। उन्होंने निगम की संपत्तियों की पड़ताल कराई,उसमें इन जेवरातों की जानकारी मिली। उसके बाद तत्कालीन महापौर विवेक शेजवलकर और निगमायुक्त ने गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के दिन भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमाओं को इन जेवरातों से श्रृंगार कराने की परंपरा शुरू कराई। उसके बाद से आयुक्त इस परंपरा का पालन कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें : पटवारी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाया आरोप, राजनीतिक पद का दुरुपयोग करते हुए कराया तबादलायह हैं सामान इन जेवरातों में हीरे-जवाहरात से जड़ा स्वर्ण मुकुट,पन्ना और सोने का सात लड़ी का हार, 249 शुद्ध मोती की माला,हीरे जडे कंगन,हीरे व सोने की बांसुरी,प्रतिमा का विशालकाय चांदी का छत्र, 50 किलो चांदी के बर्तन, भगवान श्रीकृष्ण व राधा के झुमके,सोने की नथ,कंठी,चूडियां,कड़े समेत अन्य बहुत सा सामान शामिल हैं। वहीं जेवरातों की बाजार दर काफी अधिक होने के कारण जन्माष्टमी के दिन यहां भारी संख्या में जवान तैनात किए जाते हैं। साथ ही यहां भगवान राधाकृष्ण के दर्शन के लिए करीब दो लाख भक्तों की इस बार आने की संभावना है।