कार्यक्रम की शुरुआत अजय तायल ने हो गए हम दीवाने हम तो… गीत से की, जिसकी सभी ने सराहना की। इसके बाद बृजेश वैष्णव ने ये दिल का आलम मैं क्या बताऊं… सुनाया। भूपेन्द्र श्रीवास्तव ने तू मेरी जिंदगी है… सुनाकर माहौल को और भी अधिक खुशनुमा बना दिया। बृजेश खरे ने दोनों ने किया था प्यार… गाया। फरमाइश पर संजय दिवाकर ने एक मैं और एक तूं…सुनाकर सभी दिल जीता। सीमा खंडेलवाल ने ये मेरा दिल प्यार का दीवाना… सुनाया। राजेन्द्र श्रीवास्तव ने किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा…, प्रदीप गर्ग ने सांझ ढले गगन तले… सुनाकर खूब तालियां बटोरीं।
रेट्रो सॉन्ग्स पर दी प्रस्तुतियां बढ़ते हुए क्रम में वैशाली धूपर और संजय धूपर ने मिलकर दीवाना हुआ पागल… सुनाया, तो सामने बैठी ऑडियंस तारीफ किए बिना रह न सकी। इसके बाद संजय धूपर ने छलकाए जाम… सुनाकर हर एक को अपनी आवाज का कायल बनाया। एक और प्रस्तति में वैशाली धूपर और संजय धूपर ने फिल्म थ्री ईडियट के सॉन्ग डूबी-डूबी… को सुनाकर रैंचो की याद दिला दी। मिथुन करौशिया ने एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा…, रेखा गोयल ने मेरे सरके कमर…, मनीषा जैन ने आप जैसा कोई मेरी…, आदित्य खंडेलवाल ने पुकारता चला हूं मैं…, संजय सप्रा ने लिखे जो खत तुझे… सुनाकर देर रात तक खुशनुमा माहौल बनाए रखा।