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दस दिन के लिए सजेगा शिल्प बाजार, अलग-अलग स्टेट के शिल्पी आएंगे

locationग्वालियरPublished: Jan 18, 2019 07:33:56 pm

Submitted by:

Harish kushwah

हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम की ओर से लगाए जाने वाले गांधी शिल्प बाजार का सैलानियों को साल भर बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि इसमें देश भर के शिल्पी अपनी-अपनी कलाकृतियों को लेकर आते हैं।

silp bazar

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ग्वालियर. हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम की ओर से लगाए जाने वाले गांधी शिल्प बाजार का सैलानियों को साल भर बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि इसमें देश भर के शिल्पी अपनी-अपनी कलाकृतियों को लेकर आते हैं। इस साल के मेले के शुभारंभ होने के बाद यहां शिल्प बाजार लगने की उम्मीदें लगभग दम तोड़ चुकी थीं। हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम की ओर से गांधी शिल्प बाजार लगाने को लेकर फंड की मांग की गई थी, लेकिन इसकी स्वीकृति नहीं मिलने के बाद पहली बार यहां निजी संस्था शिल्प बाजार लगाएगी। 10 दिन तक लगने वाले शिल्प बाजार में 62 दुकानें लगेंगी। यहां अलग-अलग स्टेट के शिल्पी शामिल होंगे।
इन प्रांतों के शिल्पी आएंगे

शिल्प बाजार में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, श्रीनगर, नागालैंड, राजस्थान, आसाम आदि प्रांतों के शिल्पी और बुनकर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

निजी संस्था लगाए शिल्प बाजार
भोपाल स्थित संत रविदास मप्र हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम मुख्यालय की ओर से मेले में शिल्प बाजार लगाने की अनुमति प्रदान की गई है। इसके लिए यहां पत्र भेज दिया गया है। इसमें निजी संस्था को शिल्प बाजार लगाने की अनुमति प्रदान की गई है। संस्था इसके लिए किराया जमा करेगी।
डेढ़ करोड़ से अधिक का टर्नओवर हो चुका शिल्प बाजार में

1992-93 से व्यापार मेले में लगाए जा रहे गांधी शिल्प बाजार में एक समय 1 करोड़ 75 लाख रुपए सेे अधिक का टर्नओवर भी हो चुका है। इस साल दिल्ली स्थित कार्यालय की ओर से फंड नहीं भेजा गया। इसके लिए 10 लाख रुपए के बजट की मांग की गई थी। 1992 से दस्तकारी हाट के रूप में पहचान रखने वाले शिल्प बाजार के लिए केंद्र की ओर से लगाए जाने पर पिछले साल करीब 18 लाख रुपए के बजट की मांग की गई थी।
भोपाल से पत्र आ गया है

शिल्प बाजार लगाए जाने के लिए प्रस्ताव भेज गया था, इसके लिए 10 लाख रुपए के फंड की मांग की गई थी। लेकिन फंड नहीं मिलने के कारण अब यहां निजी संस्था शिल्प बाजार लगाएगी। इसकी अनुमति का पत्र भोपाल से आ चुका है। यह संस्था 10 दिन के लिए शिल्प बाजार लगाएगी उसके बाद दूसरी संस्था भी यहां शिल्प बाजार लगा सकती है।
गोविंद सिंह आंग्रे, प्रभारी, हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम

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