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109 परिवारों ने गुजारी खौफ में रात, सुबह उठते ही हर आंख में थे आंसू और चेहरे पर मायूसी, देखें वीडियो

सोमवार को न्यायालय में पेश करना है कंप्लायंस रिपोट

ग्वालियरJan 19, 2020 / 05:16 pm

monu sahu

109 परिवारों ने गुजारी खौफ में रात, सुबह उठते ही हर आंख में थे आंसू और चेहरे पर मायूसी

ग्वालियर। शहर के 109 परिवारों की शनिवार रविवार की रात खौफ के साए में गुजरी। सुबह छह बजते ही यहां रहने वाले हर परिवार की आंखों में आंसू और चेहरे पर मायूसी छाई हुई थी। हर किसी के मुह से एक ही सवाल निकल रहा था कि अब क्या होगा। दरअसल हम बात कर रहे हैं सिरोल पहाड़ी पर किए अतिक्रमण को हटाने शनिवार की शाम और फिर सुबह पहुंची प्रशासन की टीम को देखते ही वहां रहने वाले लोगों की। बीती रात सिरोल पहाड़ी पर बसे लोगों को बेदखल करने में नाकाम रहें प्रशासन ने रविवार सुबह छह बजे से ही मोर्चा संभाल लिया। एडीएम किशोर कान्याल, एसडीएम अनिल बनवारिया, तहसीलदार शिवानी पांडेय व सीएसपी निवेदिता नायडू के नेतृत्व में पांच थानों के करीब एक सैंकड़ा पुलिस कर्मी और एक दर्जन से ज्यादा आरआई व पटवारियों की मौजूदगी में सिरोल पहाड़ी पर अवैध रूप से रह रहें लोगों को मौके से हटाने की कार्रवाई शुरू की गई।
खास बात ये रही कि रात में ही प्रशासन की मंशा को भांपने के बाद लोगों को पूरी रात नींद नहीं आई और सुबह विरोध किए बगैर ही आसानी से हटने को तैयार हो गए। प्रशाासन और पुलिस के अमले को देख लोगों ने अपना सामान बांधना शुरू कर दिया। सरकारी जमीन से बेदखल किए जा रहें इन लोगों को चार बसों के जरिए नगर निगम के आवास केंद्रो में शिफ्ट करने की कार्यवाही प्रशासन ने निशुल्क की।उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात लगभग 10 बजे प्रशासन की टीम सिरोल पहाड़ी पंहुची थी,लेकिन रात होने के कारण लोगों ने हटने से साफ इंकार कर दिया था।
परिवार हुए शिफ्ट
सिरोल पहाडी से हटाकर उन्हे महलगांव स्थित नगर निगम के आवास में शिफ्ट करने की कार्रवाई की गई। इसके लिए तहसीलदार आरएन खरे व दो आरआई व पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई। इस पूरी कार्रवाई के दौरान दोपहर 12 बजे तक 10 परिवारों को प्रशासन ने यहां शिफ्ट कराया। महलगांव में नगर निगम के करीब 200 आवास है। इनमे से सिर्फ आधा सैकड़ा ही बुक हुए है। लिहाज वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सिरोल से हटाए गए परिवारों को यहां शिफ्ट किया गया।
सामान हटते ही चली जेसीबी
सिरोल पहाड़ी पर बसे लोग जहां एक तरफ अपना सामान बांध रहें थे। वहीं दूसरी ओर उनके सामान को बसों में रखवाकर उन्हे नगर निगम के आवास में शिफ्ट करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद पूरी तैयारी के साथ पंहुचे प्रशासन ने खाली हुए अवैध मकानों को तोडऩे की कार्रवाई की गई। नगर निगम की 5 जेसीबी के जरिए यहां बने मकानों को जमीदोंज कर दिया।
वाटर कैनन और पुलिस बल तैनात
प्रशासन को इस बात की शंका थी कि अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई का सिरोल पहाड़ी पर अवैध रूप से रह रहे लोग विरोध कर सकते है। लिहाजा ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल के साथ-साथ वाटर कैनन को भी मौके पर मुस्तैद किया गया।
Sirol Pahadi remove encroachment in police
इसलिए की जल्दबाजी
सिरोल पहाड़ी से वन क्षेत्र की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश हाईकोर्ट ने प्रशासन को 28 जून 2019 को दिए थे। इस आदेश का पालन प्रतिवेदन 28 अगस्त 2019 को कलेक्टर द्वारा हाईकोर्ट में सौंपना था,लेकिन राजनीतिक लोगों के विरोध के कारण अतिक्रमण नही हटाया जा सका। लिहाजा शासन द्वारा इस मामले में समय लिया जा रहा था। हाईकोर्ट के आदेशानुसार इस मामले में प्रशासन को पालन प्रतिवेदन की रिपोर्ट कल 20 जनवरी को पेश करनी है। इसी कारण इतने दिन चुप बैठने के बाद प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को हटाने के लिए एकाएक कार्रवाई की है।
नगर निगम के आवास में शिफ्ट किया गया
सिरोल पहाड़ी पर 109 परिवारों के अवैध अतिक्रमण थे। इनमें से कुछ अतिक्रमण पूर्व में हटा दिए गए थे। वर्तमान में 77 परिवारों का अतिक्रमण है, जिसको हटाने की कार्रवाई अमल में लाई जानी है। देर रात प्रशासन द्वारा की गई तैयारी के बाद सड़क किनारे बसे एक परिवार को नगर निगम के आवास में शिफ्ट करने के लिए सामान सहित भेज दिया। रविवार सुबह 6 बजे से कार्रवाई करने की प्लानिंग बनाई गई और उन्हें शिफ्ट किया गया।
वैकल्पिक है व्यवस्था
जिन 77 परिवारों को मौके से हटाया गया उन्हे नगर निगम के आवास में शिफ्ट किया गया है। इस कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद अधिकारियों से लोग बार-बार हाथ जोड़कर यही पूछते नजर आ रहे थे कि जहां ले जाया जा रहा है, वहां से भी तो हमें हटा नही दिया जाएगा? इस पर अधिकारियों ने यह व्यवस्था वैकल्पिक होने की बात कहते हुए सभी से अपने लिए घर तलाशने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा जो प्रधानमंत्री आवास योजना की शर्तों को पूरा करने की पात्रता रखता वह आवेदन कर सकेगा।
इस पर अधिकारियों ने कोई स्पष्ट जवाब तो नही दिया, लेकिन लोगों को आश्वासन दिया कि प्रशासन को उनका ख्याल है। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हे डोंगरपुर में रमऊआ डैम के पास उन्हे पट्टे दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन वहां कोई इंतजाम नही है। ऐसे में वहां कैसे रहेंगे। हालांकि,अधिकारियों ने पट्टे दिए जाने को लेकर चल रही प्रकिया में डोंगरपुर का उल्लेख नहीं किया है। अधिकारियों का कहना है कि वैकल्पिक व्यवस्था करके सभी से महलगांव स्थित नगर निगम के आवास में जाने के लिए कहा गया है।
सिरोल पहाड़ी पर कार्रवाई पर एक नजर

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