scriptबस की छत पर बैठा था प्रौढ़, अचानक बिजली की केबिल गले में उलझी और हो गई मौत | Sitting on the roof of the bus Adult was suddenly caught and died | Patrika News

बस की छत पर बैठा था प्रौढ़, अचानक बिजली की केबिल गले में उलझी और हो गई मौत

locationग्वालियरPublished: Jan 14, 2018 05:19:00 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

पिछोर रोड कल्याणपुर के पास हुआ दर्दनाक हादसा, बस से नीचे गिरने से दबकर हुई मौत

Sitting on the roof of the bus Adult was suddenly caught and died
ग्वालियर. पिछोर रोड कल्याणपुर के पास शनिवार की दोपहर में मिनी बस ऊपर बैठे एक प्रौढ़ की वहां से निकली बिद्युत केबल में फंसने के दौरान बस से सडक़ पर नीचे गिरने के कारण मौत हो गई। घटना पिछोर थाना क्षेत्र की है। हादसे के बाद बस चालक भाग गया और पुलिस ने बस को थाने में रखवाया है। हादसे के दौरान यात्रियों में भी हडक़म्प मच गया। मृतक के शव को पीएम के लिए डबरा पीएम हाउस भिजवाया गया।

बस क्षमता से अधिक भरकर चल रही थी और बस की छत पर करीब ४० लोग बैठे हुए थे। सडक़ बनने से सडक़ की ऊंचाई बढ़ गई है जिस कारण छत पर बैठा प्रोढ़ केबल की चपेट में आने के कारण सडक़ पर गिर गया। इधर, वहां के रहवासियों ने बताया कि केबल झूलने के संबंध में विद्युत वितरण कंपनी को कई बार अवगत कराया है। डबरा से सूखापठा गांव के लिए जा रही मिनी बस ओवरलोड थी बताते है कि जितनी सवारी बस के अंदर थी उतनी की करीब संख्या में सवारी छत पर बैठे हुए थी। अभी यह बस कल्याणपुर वार्ड क्रं.१ के पास पहुंची थी कि वहां से निकली विद्युत केबल की चपेट में छत पर बैठे हल्लूराम (५०) पुत्र मनिराम शाक्य निवासी सूखापठा आ गया है और इस दौरान वह बस की छत के ऊपर से बनी आरसीसी सडक़ पर जा गिरा जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई और मौके पर ही मौत हो गई।
मौके पर पहुंची पुलिस

सूचना मिलने पर पिछोर पुलिस मौके पर पहुंची और घटनाक्रम की जानकारी ली। इस दौरान चालक भाग गया और बाद में पुलिस ने सवारियों को बस से उतार कर बस को थानें में खड़ा करवाया। जिससे यात्री परेशान हुए। इधर, वहां के रहवासी दीपक जाटव, भगवान सिंह और वृंदावन ने बताया कि सडक़ बनने से सडक़ की ऊंचाई बढऩे के कारण केबल नीचे आ गई है। झूलती केबल के संबंध में कई बार कंपनी को अवगत कराया है।

ओवरलोड वाहनों पर नहीं लग रहा अंकुश

काफी प्रयासों के बाद भी ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिसकी वजह थानों में हर माह एंट्री फीस के नाम से शुल्क जमा कराया जाना है। जिसे लेकर बस संचालक यातायात नियमों की भी धज्जियां उड़ाते हुए थानों के सामने से निकलते है। जिस ओर पुलिस की अनदेखी बनी रहती है।
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