6 साल पहले नगर निगम ने सिटी सेंटर, गांधी रोड, एलएनआईपीई, बाल भवन, जीवाजी यूनिवर्सिटी, इटालियन गार्डन आदि जगहों पर साइकल ट्रैक बनवाए थे। पूरे शहर में 50 किमी का ट्रैक बनाने की योजना थी, लेकिन अभी तक 25 किमी का ही ट्रैक बन पाया है। इस प्रोजेक्ट को गत वर्ष स्मार्ट सिटी ने टेकओवर कर लिया। इसके बाद स्मार्ट सिटी ने पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना तैयार की। जब योजना बनाई गई, उस समय अधिकारियों ने इसी ट्रैक पर साइकिल चलाने की बात कही।
नहीं हटाए पोल
गांधी रोड, सिटी सेंटर क्षेत्र में साइकिल ट्रैक पर कई रुकावटें हैं। ट्रैक के बीच में बिजली पोल लगे हैं। ट्रांसफॉर्मर तक नहीं हटाए गए हैं। कई जगह ट्रैक पूरी तरह बंद है। अगर कोई ट्रैक पर साइकिल चलाता है तो उसे सडक़ पर ही आना पड़ेगा।
डिवाइडर दो दिन पहले ही हटे
एक साल पहले सिटी सेंटर क्षेत्र में साइकिल ट्रैक पर रिफ्लेक्टर, डिवाइडर पर 20 लाख रुपए खर्च किए गए थे। इन्हें दो दिन पहले कलेक्टर अनुराग चौधरी के निर्देश पर नगर निगम ने हटा दिया गया।
500 साइकिल से होगी शुरुआत
पब्लिक बाइक शेयरिंग के तहत 500 साइकिल मंगाई गई हैं। यह शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बनाए गए साइकिल स्टैंड पर मौजूद रहेंगी, जहां से कोई भी व्यक्ति किराए से लेकर इनका उपयोग कर सकेगा।
ट्रैक खराब है तो सडक़ पर चला सकते हैं
जुलाई के पहले सप्ताह में साइकिल शुरू कर देंगे। ट्रैक नगर निगम ने बनवाए थे, ट्रैक खराब है तो सडक़ पर साइकिल चलाई जा सकती है।
महीप तेजस्वी, सीईओ स्मार्ट सिटी
सडक़ पर साइकिल चलाना खतरनाक
अगर सडक़ पर ही साइकिल चलानी थी तो फिर ट्रैक पर करोड़ों रुपए खर्च क्यों किए गए। यह भ्रष्टाचार है इसकी जांच होनी चाहिए।
सुधीर सप्रा, समाजसेवी
बिना जरूरत ट्रैक बनाए हैं तो जांच कराएंगे
शहर में जहां भी साइकल ट्रैक बने हैं, उनकी आवश्यकता कहां है, यह देखना जरूरी है। जिन जगहों पर बगैर जरूरत के ट्रैक बनाए गए हैं, वहां जरूरत पड़ी तो जांच भी कराएंगे। यदि साइकल ट्रैक है तो उस पर साइकिल चलाएं। फुटपाथ पैदल वालों के लिए खाली रहना चाहिए। निरीक्षण कर स्थितियां देखेंगे कि फुटपाथ और साइकल ट्रैक खाली हों। अतिक्रमण नजर आया तो कार्रवाई होगी।
अनुराग चौधरी, कलेक्टर
साइकिल ट्रैक में हुआ भ्रष्टाचार
साइकिल ट्रैक के नाम पर नगर निगम ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। अधिकारियों ने इसमें बंदरबांट किया है, इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम