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स्मार्ट पार्किंग में टैक्निकल प्रॉब्लम, लोग गाड़ी पार्क करने तो दूर देखने भी नहीं जाते

locationग्वालियरPublished: Aug 02, 2019 01:05:00 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

तकनीकी खामियों के कारण लोग नहीं खड़े करते वाहन, 10.5 करोड़ खर्च कर बनाई मल्टीलेवल पार्किंग खाली

smart parking in gwalior faces technical problem

स्मार्ट पार्किंग में टैक्निकल प्रॉब्लम, लोग गाड़ी पार्क करने तो दूर देखने भी नहीं जाते

ग्वालियर. शहर के सिटी सेंटर एरिया में पार्किंग व्यवस्था बेहतर करने के उद्देश्य से 10.5 करोड़ खर्च कर बनाई मल्टीलेवल पार्किंग बंद पड़ी है। एक ब्लॉक चालू भी है तो बहुत ही कम वाहन यहां आते हैं। दरअसल पार्किंग में कई तकनीकी खामियां हैं, जिसके कारण वाहन चालक यहां वाहन रखने में परहेज कर रहे हैं। आलम यह है कि क्षमता के अनुरूप आधे भी वाहन यहां नहीं खड़े हो रहे हैं। नगर निगम एक साल बाद भी इन खामियों को सुधारा नहीं पाया है, जिसके कारण यहां के हालात नहीं बदले हैं।

सिटी सेंटर में सालासार मॉल के पीछे जून 2018 में नगर निगम ने स्मार्ट मल्टीलेवल पार्किंग की शुरुआत की थी। हालांकि पार्किंग का संचालन स्मार्ट सिटी द्वारा किया जा रहा है। पार्किंग के दो ब्लॉक बनाए गए थे। तीन मंजिला एक ब्लॉक में 120 कार एवं 130 दो पहिया वाहन की क्षमता है, लेकिन कई महीनों तक पार्किंग में लोगों ने वाहन ही नहीं रखे। दरअसल इसमें कई तकनीकी खामियां थीं। सबसे बड़ी कमी जो थी वह है वाहनों के आने और जाने के लिए एक ही रास्ता है और वह भी सीधा है, जिसके कारण कार चालक पार्किंग में वाहन रखने में रुचि ही नहीं दिखा रहे हैं। वर्तमान में एक ब्लॉक पूरी तरह से बंद है, जबकि एक ब्लॉक जो चालू है उसमें दिनभर में महज 50 से 70 कार और 200 दो पहिया वाहन ही रखे जाते हैं, जबकि मजबूरी में लोग सडक़ों पर वाहन खड़ा करते हैं और यहां से ट्रैफिक पुलिस वाहनों को उठाकर ले जाती है।

हमेशा रहती है हादसे की संभावना

मल्टी लेवल पार्किंग तीन मंजिला है। अंडरग्राउंड में जहां दो पहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था है, जबकि कार पार्किंग पहले से लेकर थर्ड फ्लोर तक होती है। पहले से दूसरे और तीसरे फ्लोर पर जाने के लिए जो रास्ता बनाया गया है वह एकदम सीधा है। इसके साथ ही टर्न करते समय बहुत ही कम रास्ता बचता है, ऐसे में बाहर जाने वाला वाहन अचानक आ जाए तो दुघर्टना हो सकती है। इसी डर के कारण लोग मल्टी लेवल में वाहन खड़ा करने से बचते हैं। ऐसे में स्मार्ट पार्किंग होने के बावजूद लोग इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। एक साल बाद भी जो खामियां थीं उन्हें निगम द्वारा सुधारा नहीं गया है।

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