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पुलिस के मुताबिक सीएसपी महाराजपुरा के स्क्वॉड को पता चला था कि शताब्दीपुरम निवासी श्रीयांश शर्मा अवैध हथियारों का कारोबार कर रहा है। उसे रंगे हाथ पकडऩे के लिए आरक्षक लेखराज गुर्जर ने ग्राहक बनकर उससे फोन पर डील की। शुक्रवार को वायुनगर के पास डिलेवरी देना तय हुआ। बदमाशों ने दो लोगों से ज्यादा लोगों के न आने की शर्त रखी। पुलिस ने प्लान बनाया कि आरक्षक राम तोमर और पंकज तोमर दूर से नजर रखेंगे। रात करीब 8 बजे लेखराज मुखबिर सहित तय ठिकाने पर पहुंचा तो तीन बदमाश काली कार से वहां मौजूद थे। उन्होंने लेखराज को पिस्टल और कारतूस तो दिखाए लेकिन आशंका होने पर जबरन कार में बैठाकर भाग गए। श्रीयांश की लास्ट लोकेशन बिजौली रोड तक मिली। इसके बाद वे लोग कहां गए, पुलिस पता नहीं लगा सकी। रात करीब १२ बजे पुलिस ने मामला दर्ज किया।
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मोबाइल ने फेल किया प्लान
पुलिस के मुताबिक लेखराज के साथ डीलिंग करने गए मुखबिर ने दूर खड़े राम तोमर और पंकज को बुलाने के लिए कॉल किया तो उसके मोबाइल पर पंकज का नंबर वर्दी में फोटो सहित आ गया। इसे देखकर बदमाश माजरा समझ गए। लेखराज ने पुलिस को बताया कि बदमाशों के पास दो पिस्टल और करीब 50 कारतूस थे। बदमाश उसके गोली मारकर फेंकने की कोशिश में थे। उन्होंने दो बार पिस्टल कॉक भी की, लेकिन उसने किसी तरह खुद को बचाया।
आरक्षक अवैध हथियारों का करोबार पकडऩे गए थे। बदमाश उनकी असलियत भांप गए। उन्होंने आरक्षक को अगवा कर लिया और कुछ दूर ले जाकर फेंक कर भाग गए।
देवेन्द्र सिंह कुशवाह, सीएसपी महाराजपुरा