प्रशासन और पुलिस के अधिकारी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को लेकर रोज तलख हिदायतें दे रहे हैं। सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करने पर पुलिस और प्रशासन की टीमें चालानी कार्रवाई कर रही है। उसके बावजूद जाम की वजह से सड़कें ठसाठस रहीं। उन पर सोशल डिस्टेंसिंग खत्म हुई। हालात की जानकारी होने के बावजूद पुलिस तमाशबीन रही। इस आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा है कोरोना काल में पुलिस की यह लापवाही संक्रमण को बढ़ाने की वजह साबित हो सकती है।
इन बाजारों में भी यही हालात
यही हालात दौलतगंज, चिटनिस की गोठ, माधवगंज चौराहा पर रहे। बाड़ा चौकी के ठीक पीछे लोग जाम से जूझते रहे, जाम खुलवाने की बजाय पुलिस गायब रही। दिखावे की मशक्कत
जाम की शुरूआत इंदरगंज थाने की नाक के नीचे ओल्ड हाइकोर्ट के सामने से हुई। फिर इंदरगंज चौराहा, नदी ज्येन्द्रगंज की दोनों तरफ की सड़क, रोशनी घर और अचलेश्वर रोड के रास्तों पर वाहन फंसे। सुबह 10:30 बजे से दोपहर दो बजे इन रास्तों से वाहन रेंगकर ही आगे बढ़े। नदी गेट से ऊंट पुल तक महज 5 से 7 मिनट का रास्ता पार करने में वाहन चालकों को 20 मिनट लग गए, जबकि इसी रास्ते पर ट्रैफिक को बिना रुके चलाने के लिए ग्वालियर संभाग के कमिश्नर, आइजी, डीआइजी, कलेक्टर, एसपी, नगर निगम कमिश्नर अपने साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों का लाव लश्कर लेकर घूमे हैं। इन्हीं सड़कों पर खडे होकर मातहतों को यातायात जाम नहीं होने के लिए तमाम हिदायतें दे चुके हैं। इसके अलावा हर सोमवार को कलक्टर, एसपी और नगर निगम के कमिश्नर तो इन्हीं सड़कों पर खड़े होकर रास्ते साफ रखने के खाके खींचते हैं। उसके बावजूद सोमवार को सुबह से शाम तक इन रास्तों पर लोगों को जिस तरह चलने के लिए जूझना पड़ा उससे जाहिर था कि अफसरों की यह मशक्कत दिखावे से ज्यादा कुछ नहीं है।
सोमवार को ज्येन्द्रगंज, रोशनीघर, इंदरगंज चौराहा और ओल्ड हाइकोर्ट रोड के सामने का रास्ते पर जाम के हालात होते रहे और इंदरगंज पुलिस ने रास्ता साफ कराने की कोशिश तक नहीं की, जबकि पूरा फोर्स थाने में ही मौजूद रहा। कुछ लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम और पुलिस अफसरों को भी जाम की स्थिति से अवगत कराया लेकिन उसके बावजूद जाम खुलवाने की कार्रवाई नहीं की गई।