दो दिन पहले इंजीनियरों की टीम ने आकर इसे शुरू कर दिया है। रेलवे ने खुद की बिजली बनाकर उसका उपयोग करने के लिए अन्य रेलवे स्टेशनों की तरह यहां पर भी सोलर प्लांट के साथ उसकी प्लेटें सभी प्लेटफॉर्म पर लगवाईं। स्टेशन पर 640 किलोवाट के सोलर प्लांट से हर दिन करीब 2500 यूनिट पावर बिजली बनकर तैयार होगी। इसके शुरू होने से पूरा स्टेशन सोलर पैनल से बनने वाली बिजली से जगमगाएगा।
इन सोलर प्लेटों को चारों प्लेटफॉर्म की छत पर फिट कर दिया गया है। सोलर प्लांट के मेंटेनेंस का काम रेलवे बोर्ड ने दिल्ली की कंपनी को 25 वर्ष के लिए दिया है। रेलवे स्टेशन पर हर महीने बिजली का बिल लगभग 35 लाख का आता है। अभी कुछ दिन पहले ही बिरला नगर स्टेशन पर सोलर प्लांट को शुरू किया गया है। रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म पर सोलर प्लेटें लगाई गई है। इसमें 640 किलोवाट से बिजली बनाना है, लेकिन अभी 440 किलोवाट शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही दो सौ किलोवाट को दो से तीन दिन में शुरू कर दिया जाएगा।
हर रोज ढाई हजार यूनिट का खर्च बचेगा : रेलवे हर दिन रेलवे स्टेशन पर लगभग पांच हजार यूनिट खर्च करता है। इस सोलर एनर्जी के लगने से ढाई हजार यूनिट बिजली बनकर तैयार होगी। इसके हिसाब से अभी जो रेलवे एक दिन की बिजली पांच हजार यूनिट खर्च करता था। वह घटकर अब ढाई हजार यूनिट पर आ जाएगा। ढाई हजार यूनिट सोलर प्लांट बनाकर खर्च करेगा।
पन्द्रह सौ प्लेटे लगी हैं
सोलर एनर्जी के लिए स्टेशन के चारों प्लेटफॉर्म पर लगभग 1500 प्लेटें लगाई गई है। इसमें प्लेटफॉर्म एक पर सबसे कम लगाई है। वहीं प्लेटफॉर्म दो, तीन और चार पर काफी प्लेटें लगकर तैयार हो गई है। रेलवे के इंजीनियर काफी समय से इसे जल्द से जल्द शुरू करने का प्रयास कर रहे है।
दो सौ किलोवाट भी जल्द होगा शुरू
रेलवे स्टेशन पर 640 में से 440 किलोवाट का सोलर प्लांट शुरु कर दिया है। इसके साथ दो सौ किलोवाट को दो से तीन दिन में शुरु कर दिया जाएगा। इसके शुरू होने से रेलवे का बिजली का काफी बिल बचेगा।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल