1992 में साडा का काम धरातल पर आया |
नहीं निभाई जिम्मेदारी
एक नजर साडा पर
शुरुआत में 30 हजार हेक्टेयर जमीन सुरक्षित थी, अब बढकऱ 75 हजार हो गई है। इसमें 5000 प्लॉट, 300 हेक्टेयर में गोल्फ कोर्स, मनोरंजन पार्क, थीम पार्क, वाटर पार्क, शिल्प बाजार आदि विकसित करना थे। इसके अलावा 1 हजार हेक्टेयर में विशेष पर्यावरण क्षेत्र विकसित होना था।
कौन कितना जिम्मेदार
एक भी कार्यालय नहीं पहुंचा
साडा में प्रदेश और केन्द्र ने भी अपने कुछ कार्यालयों को यहां पहुंचाने की बात कही थी, लेकिन इनमें से एक भी कार्यालय नहीं पहुंचा। लोगों ने बसने में रुचि नहीं दिखाई।
फस्र्ट फेज में खर्च
सडक़ों पर 47 करोड़ |
पॉवर स्टेशन पर 16 करोड़ |
वाटर सप्लाई 29.65 करोड़ |
नीलकमल योजना: 10.16 करोड़ से 600 फ्र ी होल्ड प्लॉट विकसित करना थे जो बन न सके।
सौजना हाउसिंग प्रोजेक्ट