परेशानियां बहुत आईं, मेरी थी लक्ष्य पर नजर
रक्षिता ने बताया कि इन पांच साल में मेरा एक ही लक्ष्य था। अपना बेस्ट से बेस्ट देना। मैंने उस पर फोकस किया और गोल्ड मेडल बनते गए। इस दौरान मुझे कई परेशानियां भी फेस करनी पड़ी। मैं हॉस्टल के थर्ड फ्लोर में रहती थी। ओडिसा का टेम्प्रेचर पूरे साल बहुत अधिक रहता था। गर्मी बहुत होती थी। हम कैंपर में पानी ठंडा करके कूलर में डालते और फिर ठंडी हवा लेते थे। खाना भी बिल्कुल अलग था। कई बार बीमार भी हुई, लेकिन मुझे मेरा लक्ष्य दिख रहा था, जिसमें मैं सफल हुई।
रक्षिता ने बताया कि इन पांच साल में मेरा एक ही लक्ष्य था। अपना बेस्ट से बेस्ट देना। मैंने उस पर फोकस किया और गोल्ड मेडल बनते गए। इस दौरान मुझे कई परेशानियां भी फेस करनी पड़ी। मैं हॉस्टल के थर्ड फ्लोर में रहती थी। ओडिसा का टेम्प्रेचर पूरे साल बहुत अधिक रहता था। गर्मी बहुत होती थी। हम कैंपर में पानी ठंडा करके कूलर में डालते और फिर ठंडी हवा लेते थे। खाना भी बिल्कुल अलग था। कई बार बीमार भी हुई, लेकिन मुझे मेरा लक्ष्य दिख रहा था, जिसमें मैं सफल हुई।
पिता बोले- मेरी चार बेटियां सभी पर फक्र
रक्षिता के पिता बिजनेसमैन संदीप अग्रवाल ने बताया कि मेरी चार बेटियां हैं और मुझे इस बात का फक्र है। सबसे बड़ी बेटी इंजीनियर, दूसरी सीए, तीसरी बेटी रक्षिता है और चौथी जर्नलिज्म की तैयारी कर रही है। चारो बेटियां मेरी सोना हैं, तो गोल्ड मेडल लाएंगी ही। मां अर्चना ने कहा कि मुझे फक्र है कि मैं चार बेटियों की मां हूं।
रक्षिता के पिता बिजनेसमैन संदीप अग्रवाल ने बताया कि मेरी चार बेटियां हैं और मुझे इस बात का फक्र है। सबसे बड़ी बेटी इंजीनियर, दूसरी सीए, तीसरी बेटी रक्षिता है और चौथी जर्नलिज्म की तैयारी कर रही है। चारो बेटियां मेरी सोना हैं, तो गोल्ड मेडल लाएंगी ही। मां अर्चना ने कहा कि मुझे फक्र है कि मैं चार बेटियों की मां हूं।
दादा को नहीं दिखा सकी गोल्ड मेडल
रक्षिता ने कहा कि मेरे दादा (पीडी अग्रवाल) कोरोना की दूसरी लहर में नहीं रहे। उनसे मैं इंस्पायर थी। मैं ये गोल्ड मेडल पहनकर उनके सामने आना चाहती थी, लेकिन वह मुझसे पहले ही रूठ गए। अक्षिता ने बताया कि यूनिवर्सिटी में अभी तक मेरे लेवल पर ७ गोल्ड मेडल देने वाला कोई नहीं है।
रक्षिता ने कहा कि मेरे दादा (पीडी अग्रवाल) कोरोना की दूसरी लहर में नहीं रहे। उनसे मैं इंस्पायर थी। मैं ये गोल्ड मेडल पहनकर उनके सामने आना चाहती थी, लेकिन वह मुझसे पहले ही रूठ गए। अक्षिता ने बताया कि यूनिवर्सिटी में अभी तक मेरे लेवल पर ७ गोल्ड मेडल देने वाला कोई नहीं है।
५२ शहरों के १५०० मजदूरों पर किया रिसर्च
कोरोना की पहली लहर में रक्षिता के जेहन में यह सवाल बार-बार कौंध रहा था कि विभिन्न राज्यों से मजदूर मप्र वापस तो आ गए अब इनके लिए आगे क्या? आखिर मजदूर वापस आए और उनके रोजगार की स्थिति क्या है? उन्हें सरकारी मदद मिली या नहीं? इस पर जिम्मेदार भी कोई जवाब नहीं दे पाए, तब रक्षिता ने ६० लोगों की एक टीम खड़ी की और खुद डेटा कलेक्ट किया। उन्होंने महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से मप्र लौटे ५२ शहरों के १५०० मजदूरों पर रिसर्च किया।
कोरोना की पहली लहर में रक्षिता के जेहन में यह सवाल बार-बार कौंध रहा था कि विभिन्न राज्यों से मजदूर मप्र वापस तो आ गए अब इनके लिए आगे क्या? आखिर मजदूर वापस आए और उनके रोजगार की स्थिति क्या है? उन्हें सरकारी मदद मिली या नहीं? इस पर जिम्मेदार भी कोई जवाब नहीं दे पाए, तब रक्षिता ने ६० लोगों की एक टीम खड़ी की और खुद डेटा कलेक्ट किया। उन्होंने महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से मप्र लौटे ५२ शहरों के १५०० मजदूरों पर रिसर्च किया।
गोल्ड मेडल
– फस्र्ट रैंक ऑफ द बीबीए एलएलबी (ऑनर्स) डिग्री
– हाइएस्ट स्कोर इन बैंकिंग लॉ
– बेस्ट ऑल राउंड फीमेल स्टूडेंट
– हाइएस्ट स्कोर इन पर्सनल लॉ इन द बीबीए एलएलबी (ऑनर्स)/बीबीए एलएलबी (ऑनर्स)
– हाइएस्ट स्कोर इन बीए एलएलबी एंड बीबीए एलएलबी कम्बाइंड
– हाइएस्ट स्कोर इन अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेजॉल्यूशन पेपर
– हाइएस्ट स्कोन इन बीए एलएलबी एंड बीबीए एलएलबी
– फस्र्ट रैंक ऑफ द बीबीए एलएलबी (ऑनर्स) डिग्री
– हाइएस्ट स्कोर इन बैंकिंग लॉ
– बेस्ट ऑल राउंड फीमेल स्टूडेंट
– हाइएस्ट स्कोर इन पर्सनल लॉ इन द बीबीए एलएलबी (ऑनर्स)/बीबीए एलएलबी (ऑनर्स)
– हाइएस्ट स्कोर इन बीए एलएलबी एंड बीबीए एलएलबी कम्बाइंड
– हाइएस्ट स्कोर इन अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेजॉल्यूशन पेपर
– हाइएस्ट स्कोन इन बीए एलएलबी एंड बीबीए एलएलबी