्एमओयू हुआ हस्ताक्षरित
एमआइटीएस ग्वालियर एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के बीच शुक्रवार को एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। अकादमी की ओर से कृष्णनेदु गुप्ता ने अपने ट्रेनिंग पार्टनर ड्रोन डेस्टिनेशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ हस्ताक्षर किया। प्रशिक्षण की परमीशन, ड्रोन उड़ाने संबंधित परमीशन व गाइडलाइन जल्द ही तय किए जाएंगे।
एमआइटीएस ग्वालियर एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के बीच शुक्रवार को एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। अकादमी की ओर से कृष्णनेदु गुप्ता ने अपने ट्रेनिंग पार्टनर ड्रोन डेस्टिनेशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ हस्ताक्षर किया। प्रशिक्षण की परमीशन, ड्रोन उड़ाने संबंधित परमीशन व गाइडलाइन जल्द ही तय किए जाएंगे।
छात्रों को इंटर्नशिप भी कराई जाएगी
ड्रोन स्कूल में संस्थान के भी छात्रों को इंटर्नशिप प्रोवाइड कराई जाएगी। ड्रोन स्कूल अपने ट्रेनिंग कोर्स भी संचालित करेगा। इस ट्रेनिंग स्कूल में सरकारी विभाग, कॉर्पोरेट सेक्टर, लॉ इंफोरेसीमेंट एजेंसी, पीएसयू आदि को ट्रेनिंग दी जाएगी। एमआइटीएस के छात्रों को कॅरिकुलम में ड्रोन तकनीकी का फायदा मिलेगा।
ड्रोन स्कूल में संस्थान के भी छात्रों को इंटर्नशिप प्रोवाइड कराई जाएगी। ड्रोन स्कूल अपने ट्रेनिंग कोर्स भी संचालित करेगा। इस ट्रेनिंग स्कूल में सरकारी विभाग, कॉर्पोरेट सेक्टर, लॉ इंफोरेसीमेंट एजेंसी, पीएसयू आदि को ट्रेनिंग दी जाएगी। एमआइटीएस के छात्रों को कॅरिकुलम में ड्रोन तकनीकी का फायदा मिलेगा।
3 माह से 1 साल तक के होंगे कोर्स
ये कोर्स 3 माह से शुरू होकर 1 साल तक के होंगे, जिसमें पार्टिसिपेंट्स को ड्रोन एसेंबलिंग से लेकर ड्रोन पायलट तक की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा एडवांस कोर्स भी होंगे।
ये कोर्स 3 माह से शुरू होकर 1 साल तक के होंगे, जिसमें पार्टिसिपेंट्स को ड्रोन एसेंबलिंग से लेकर ड्रोन पायलट तक की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा एडवांस कोर्स भी होंगे।
एमआइटीएस में प्रदेश का पहला ड्रोन स्कूल मार्च से खुलने जा रहा है। इसके लिए हमने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से एमओयू साइन किया है। वे अपने ट्रेनिंग कोर्स भी संचालित करेंगे। चूंकि आने वाला समय ड्रोन तकनीक का है। इन कोर्स को कर स्टूडेंट्स अपने सपने साकार कर सकते हैं।
डॉ आरके पंडित, डायरेक्टर, एमआइटीएस