हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों से मिलेंगे स्टेशन बजरिया के दुकानदार, संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो लेंगे कोर्ट की शरण
- मामला स्टेशन बजरिया की दुकानों को लेकर टीएंडसीपी की ओर से हाउसिंग बोर्ड को लिखे पत्र का

ग्वालियर. रेलवे स्टेशन बजरिया में 1976 में नीलाम की गई 80 दुकानों को हटाने के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की ओर से मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल को लिखे गए पत्र स्टेशन बजरिया की दुकानों अवैध ठहराते हुए 30 दिन में हटाने का पत्र लिखा था। इसे लेकर रविवार को रेलवे स्टेशन बजरिया दुकानदार कल्याण ऐसोसिएशन के सभी दुकानदार यहां विधिचंद की धर्मशाला में इकट्ठे हुए और आगामी रणनीति तैयार की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सभी दुकानदार सोमवार 11 जनवरी को दोपहर 12 बजे मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के डीडी नगर स्थित कार्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे। यदि अधिकारियों की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो फिर दुकानदार कोर्ट का सहारा लेंगे। इसके साथ ही बैठक में यह भी तय हुआ कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब के रूप में दुकानदार अपने वकील के माध्यम से जवाब मांगेगे कि बजरिा की जगह को किस हिसाब से अवैध बताया गया है। बैठक में रेलवे स्टेशन बजरिया दुकानदार कल्याण ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील सिंह राजपूत, सचिव मनोहरलाल जैन, योगेश शर्मा, राकेश पांडेय, भागचंद जैन, राजू जैन, मुकेश पाठक, शैलेन्द्र गुप्ता, हेमंत राजपूत, कल्लू सेनी आदि मौजूद थे।
दिन भर होती रही चर्चा
इस मामले को लेकर रविवार को दिन भर स्टेशन बजरियों के दुकानदारों के बीच चर्चा होती रही। सभी दुकानदार इस पत्र को लेकर चिंतित दिखाई दिए। कुछ ने इसे लेकर जनप्रतिनिधियों का दरवाजा खटखटाने का भी मन बना लिया है।
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