स्कूल एवं कॉलेजों में छात्राओं के साथ हो रहे लैंगिक अपराध और उनके मध्य पनप रहे असुरक्षा के वातावरण को देखते हुए ऐसे मामलों के दोषी लोगों को कठोर दंड देकर ही इस बुराई को दूर किया जा सकता है।
ग्वालियर। स्कूल एवं कॉलेजों में छात्राओं के साथ हो रहे लैंगिक अपराध और उनके मध्य पनप रहे असुरक्षा के वातावरण को देखते हुए ऐसे मामलों के दोषी लोगों को कठोर दंड देकर ही इस बुराई को दूर किया जा सकता है। विशेष न्यायाधीश अभय कुमार ने इस टिप्पणी के साथ डॉ. भीमराव अंबेडकर पॉलीटेक्निक कॉलेज के छात्र नेता बलवीर बघेल को महाविद्यालय में छात्रा के साथ की गई छेड़छाड़ के लिए दोषी पाते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
आरोपी छात्र नेता पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया है। शासकीय अधिवक्ता जगदीश प्रसाद शर्मा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 10 सितंबर 2014 को दोपहर दो बजे कॉलज की लाइब्रेरी में बुक इश्यु कराने गई छात्रा के साथ कॉलेज के उपाध्यक्ष बलवीर बघेल द्वारा अभद्रता की गई।
बलवीर ने लाइब्रेरी में आकर उससे कहा चलो एकांत में बैठकर बात करते हैं। छात्रा द्वारा मना करने पर आरोपी ने बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। घटना के बाद छात्रा ने पिता को फोन करके बुलाया। पिता के कॉलेज में आने पर आरोपी ने उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी।
डर के कारण उन्होंने तीन दिन तक रिपोर्ट ही दर्ज नहीं करवाई। बाद में हिम्मत करके आरोपी के खिलाफ थाना झांसी रोड में मामला दर्ज कराया। इस मामले में न्यायालय ने आरोपी को धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 12 के आरोप में उक्त सजा सुनाई। इसके अलावा उसे धारा 354 के अपराध में एक साल के कारावास की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि जमा होने पर छात्रा को तीन हजार रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करने के आदेश दिए हैं।