छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय द्वारा रिजल्ट घोषित करने के बाद मार्कशीट ऑनलाइन की जाती है, इसके तुरंत बाद ही पूरा डाटा हटा लिया जाता है, जिससे छात्र अगर बाद में मार्कशीट निकालना चाहे तो नहीं मिलती। ऑनलाइन मार्कशीट कम से कम एक महीने तक ऑनलाइन रखी जाए। बीएससी फस्र्ट ईयर, सैकंड ईयर कीत रीटोटलिंग का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है, इसके बाद भी विवि ने सप्लीमेंट्री की परीक्षाएं करवा दीं, अब अगर रीटोटलिंग के रिजल्ट में किसी छात्र की सप्लीमेंट्री आई तो उसकी परीक्षा कैसे होगी। छात्रों के इन सवालों के जवाब में परीक्षा नियंत्रक ने विशेष परीक्षा कराने का आश्वासन दिया है। जबकि उप कुलसचिव डॉ मिश्रा ने सीएम हेल्पलाइन की पैंडेंसी को समय से निपटाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
यह हैं छात्र संगठन की मांगें
-नागपुर की एजेंसी द्वारा हजारों छात्रों का भविष्य खराब कर दिया गया है। इस कंपनी के कारण विश्वविद्यालय की छवि पूरे देश में धूमिल हो रही है। इसके बाद भी प्रबंधन की मेहरबानी बरकरार है। न तो कंपनी को ब्लेक लिस्टेड किया गयाा है और न ही एफआईआर कराई गई है।
-यह पता चला है कि अधिकारियों की कृपापात्र बनकर रह गई रिजल्ट बनाने वाली कंपनी को ब्लेक लिस्टेड होने से बचाने के लिए अजमेर और कोलकाता की कंपनी से गोपनीय तरीके से काम कराया जा रहा है। इन कंपनियों ने भी पूर्व मेंं गड़बड़ी की थी, जिसके बाद हटाया गया था।
-विश्वविद्यालय प्रबंधन से परेशान छात्रों ने 280 से अधिक सीएम हेल्पलाइन लगाई हैं, इनका अभी तक निराकरण नहीं हुआ है।