वल्र्ड थिएटर डे के अवसर पर तैयार किए जाने वाले इस थिएटर को लगभग एक माह में तैयार कर लिया जाएगा। इसमें खर्च न के बराबर आएगा। क्योंकि इसे मिट्टी, गोबर और लकड़ी से तैयार किया जा रहा है। इसमें विभाग के 104 छात्र-छात्राओं को परफॉर्म रिहर्सल करने का मौका मिलेगा।
एक अलग जगह पर प्रयोग करने के लिए स्टूडेंट्स ने 15 फीट के गड्ढे में अभिनय किया है, जिसके बीचोबीच दर्शक दीर्घा बनाई गई और साइड से नाटक का मंचन किया गया। यह छात्र-छात्राओं के लिए नया प्रयोग है। क्योंकि अभी तक यूनिवर्सिटी बिल्डिंग के अंदर बने स्टेज में ही प्रस्तुतियां होती थी।
यहां प्रस्तुति के बाद कलाकारों को कुछ अलग ही फील हुआ।
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और म्यूजिक यूनिवर्सिटी के नाटक एवं रंगमंच संकाय की ओर से विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय रंग समारोह और सेमिनार का आयोजन 26 मार्च से किया जा रहा है। इस सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय वृंदावन के निदेशक डॉ. उमेश चंद्र शर्मा छात्र-छात्राओं को संबोधित करेंगे। 27 मार्च को शाम 7 बजे नाट्य मंदिर में महाकवि बोधायन द्वारा लिखित और डॉ हिमांशु द्विवेदी द्वारा निर्देशित नाटक भागवद अज्जूकीयम की प्रस्तुति होगी। यह नाटक आधुनिक परंपरा और संस्कृत नाटक की शैलियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जिसमें मंच निर्माण, संगीत परिकल्पना, वस्त्र संयोजन, मेकअप इत्यादि सभी का कार्य छात्र-छात्राएं ही कर रहे हैं, जिनका प्रशिक्षण विगत 3 माह से स्टूडेंट्स कर रहे हैं।
स्पेस की होती थी प्रॉब्लम
नाट्य एवं रंगमंच संकाय के विभागध्यक्ष डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि यूनिवर्सिटी में नाटक की रिहर्सल व मंचन के लिए जगह की कमी रहती है। इसलिए नया प्रयोग करने के लिए हम ओपन एरिए में थिएटर तैयार कर रहे हैं, जहां बिल्कुल नेचुरल लुक दिया जाएगा। यहां एक अभिनय स्थल होगा। वहां तक पहुंचने के लिए चार रास्ते दिए जाएंगे। इसके साथ ही दर्शक दीर्घा बनाई जाएगी, जहां एक साथ लगभग 250 लोग बैठ सकेंगे। यह यूनिवर्सिटी के पीछे पड़ी खाली जगह पर तैयार होगा।