scriptआखिर भारतीय वायुसेना ने मिराज विमानों को ही क्यों भेजा पाकिस्तान | Surgical Air Strike Done by Mirage 2000 fighter plane in POK | Patrika News

आखिर भारतीय वायुसेना ने मिराज विमानों को ही क्यों भेजा पाकिस्तान

locationग्वालियरPublished: Feb 26, 2019 08:48:41 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

पुलवामा का बदला लेने के लिए 12 मिराज—2000 ने भरी थी उड़ान, टारगेट पर हमला कर वापस भारतीय सरहद में आए
 

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ग्वालियर . हर भारतीय के दिमाग में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब देश के पास मिग—29 और सुखोई—32 जैसे उन्नत जंगी हवाई जहाज उपलब्ध हैं, फिर ऐसे में भारतीय वायुसेना ने मिराज विमानों को ही क्यों पाकिस्तान से बदला लेने के लिए एलओसी के पार क्यों भेजा। सवाल महत्वपूर्ण है और हम इस खबर में आपको यही बताएंगे कि आखिर इस विमान को ही क्यों हमला करने के लिए भेजा गया था। यही वह विमान है जिसने कारगिल के वक्त भी सबसे ज्यादा मजबूती के साथ भारतीय वायुसेना का साथ दिया था।
भारतीय वायुसेना को जब पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर कार्रवाई के लिए जब जिम्मेदारी सौंपी गई तो सबसे बड़ा सवाल उठा कि आखिर किन विमानों के साथ उड़ान भरी जाए। एक तरफ मिग और सुखोई विमान थे तो दूसरी तरफ मिराज। हालांकि मिराज को लेकर शुरुआत में यही बात उठी कि क्या इन पर भरोसा किया जा सकता है। रक्षा सूत्रों से जुड़े जानकारों की मानें तो मिराज की पैरवी खुद कोर टीम में शामिल वायुसेना के अधिकारियों ने की। उन्होंने कहा कि यह विमान दूसरे विमानों की तुलना में ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद है। इसका भरोसा हम कारगिल में देख चुके हैं। जबकि बाकी विमानों को हमारे पायलटों ने सिर्फ अभ्यास के दौरान ही इस्तेमाल किया है। अभ्यास और सीधी लड़ाई में बहुत अंतर होता है। ऐसे में जांचा—परखा मिराज ही भेजा जाना चाहिए।
इसकी स्पीड और अचूक निशाना और ज्यादा प्रभावी भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही यह ज्यादा आयुध सामग्री या कहें कि बम लेकर चलने की क्षमता रखता है। ऐसे में इसे ही सीमा पार भेजा जाए। इसी के बाद करीब रात 12 बजे ग्वालियर एयरबेस को सूचना भेजी गई और उन्हें तत्काल 12 मिराज विमानों के साथ उड़ने के निर्देश दिए गए। टारगेट भी विमानों को बाद में दिए गए। शुरुआती तौर पर हर कोई इसे एक अभ्यास के तौर पर ही देख रहा था, लेकिन अचानक बताया गया कि यह अभ्यास नहीं है। आपके विमानों को जो टारगेट मिला है, वह पीओके का है। वहां पर तत्काल कार्रवाई करना है और वापस लौटना है। यही वजह रही कि मिराज विमानों ने 21 मिनट में अपना काम पूरा किया और वापस लौट आए। हालांकि पाकिस्तानी सेना को पहला बम गिरते ही सूचना मिल गई और उसने तत्काल अपनी वायुसेना को अलर्ट कर दिया। तब तक मिराज फाइटर अपना टारगेट पूरा कर चुके थे।
हाई स्पीड

सुखोई विमानों की रफ्तार 2,200 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि मिग—29 विमानों की स्पीड 2,446 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। मिराज इस मामले में दूसरे विमानों से कहीं आगे हैं, उनकी स्पीड 2495 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसके साथ ही इसकी सबसे बड़ी खूबी पलक झपकते ही गायब होने की है। इसकी यही खूबी इसे रडार पर पकड़ने से बचा लेती है।

ज्यादा बम रखने की क्षमता

सुखाई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उसके पास छोटे—बड़े करीब नौ बम रखने की क्षमता है, जो दूसरे जंगी जहाजों के पास नहीं है। यह काबिलियत उसे दूसरों से अलग बनाती है और कई दफा सबसे काबिल भी। भारतीय वायुसेना ने जब मिराज को रिटायर करने की बात हो रही थी, तब इसे अपडेट किया और इससे वापस मैदान में पूरी तैयारी के साथ उतरने लायक बनाया।

जमीन से लेकर हवा तक मार करने में सक्षम

मिराज की सबसे बड़ी खासयित यह भी है कि वह हवा से जमीन में मार करने के साथ हवा से हवा में भी मार करने की क्षमता रखता है। यह लेजर गाइडेड मिसाइल लेकर उड़ान भरता है और इसका निशाना अचूक है। यही खासियत इसे महत्वपूर्ण बनाती है। अचूक निशाना होने के कारण फाइटर पायलट की यह पहली पसंद होता है।

कारगिल में दिखाई थी क्षमता


इस विमान की क्षमता का प्रदर्शन कारगिल लड़ाई के दौरान हो गया था। वहां पर सौ फीसदी अचूक निकले थे। इन विमानों ने उम्मीद से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया था। कारगिल में हुए एयरफोर्स के ऑपरेशन सफेद सागर में भी मिराज 2000 का इस्तेमाल किया गया था। यही वजह थी कि जब यहां पर विमान का चुनाव करना पड़ा तो मिराज को पहली प्राथमिकता में रखा गया, क्योंकि वायुसेना के अफसरों का मानना था कि जिन विमानों ने युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरी है, उन पर ही भरोसा जताया जाए।

ये हैं मिराज 2000 की बड़ी बातें


— दुनियाभर के सबसे ताकतवर फाइटर जेट्स की लिस्ट में मिराज 2000 10वें नंबर पर आता है।

— मिराज 2000 एक सीटर वाला फाइटर जेट है और इसे डसॉल्ट मिराज एविएशन ने तैयार किया है।
— मिराज 2000 को आपतकाल की स्थिति में किसी हाईवे पर भी उतारा जा सकता है,दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर इसे उतारा गया था।

— यह फाइटर जेट किसी भी तरह के मौसम में उड़ान भर सकता है और दुश्मन को धूल चटा सकता है।
— मिराज 2000 करीब 1400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकता है।
और ये है इसकी ताकत

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