scriptनकली दूध कारोबार के इनामी सरगना का कोर्ट में सरेंडर | Surrender in court of the prize leader of fake milk business | Patrika News

नकली दूध कारोबार के इनामी सरगना का कोर्ट में सरेंडर

locationग्वालियरPublished: Sep 10, 2019 12:17:37 am

एसटीएफ से बोला 10 साल से चला रहा धंधा

नकली दूध कारोबार के इनामी सरगना का कोर्ट में सरेंडर

नकली दूध कारोबार के इनामी सरगना का कोर्ट में सरेंडर

ग्वालियर। नकली दूध के धंधे का मोस्ट वांटेड 10 हजार का इनामी सरगना राजीव गुप्ता निवासी लहार एसटीएफ की गिरफ्त में आने से बचने के लिए कोर्ट में हाजिर हो गया। लंबे समय तक दुबके रहने के बाद उसके बारे में एसटीएफ के पास भी इनपुट था कि राजीव अदालत में समर्पण कर सकता है। अब उसे 12 सितंबर तक रिमांड पर लिया गया है। नकली दूध बनाने के लिए कुख्यात राजीव ने एसटीएफ को बताया है कि 10 साल से नकली दूध का धंधा कर रहा है। इसमें भोपाल और उज्जैन में पदस्थ उसके दो रिश्तेदार जो सरकारी विभागों में बड़े पदों पर है वह भी साइलेंट पाटर्नर हैं। एसटीएफ से बचने के लिए उन दोनों ने उसे सुरक्षित ठिकानों पर छिपाया था, उनके ही मददगारों के जरिए कोर्ट में हाजिर हुआ।
एसटीएफ निरीक्षक शाकिर अली ने बताया नकली दूध के धंधे में भिंड में राजीव गुप्ता का सिक्का चलता है। उसने लहार में करीब 15 करोड़ की लागत से गोपाल चिलिंग सेंटर खोला है। इसमें नकली दूध, घी, मावा और पनीर बनाता था। सेंटर की शुरुआत के लिए उसने महज 5 करोड़ का लोन लिया है बाकी रकम का इंतजाम अपने बूते पर किया था। इसमें भोपाल और उज्जैन में पदस्थ उसके दो रिश्तेदारों का भी पैसा लगा होना पता चला है, लेकिन दोनों सरकारी अफसर हैं इसलिए लेखे जोखे में उनके नाम नहीं है। गोपाल चिलिंग सेंटर पर एसटीएफ ने दबिश दी थी तो वहां लेबर नकली दूध बनाते मिली थी। तलाशी में चिलिंग सेंटर से भी रिफाइंड तेल, रेंजी शैंपू, हाइड्रोजन बरामद हुआ था। राजीव अंडरग्राउंड हो गया था। उसके कर्मचारियों ने क्लू दिया था कि राजीव भिंड में नकली दूध के कारोबार का सरगना है। उसने भिंड में संतोष भदौरिया को भी चिलिंग सेंटर खुलवाया है। राजीव का सारा काम संतोष देखता है। इसलिए संतोष को फिर नकली दूध बनाने के लिए कैमीकल सप्लाई करने में प्रयागदत्त को पकड़ा गया था।
यह किए खुलासे
10 हजार के इनामी राजीव ने एसटीएफ को बताया उसने गांव में कुछ लोगों से कैमीकल से दूध बनाना सीाख था उसके बाद दूसरा धंधा नहीं किया। शुरुआत में किसानों से थोड़ा दूध खरीदकर उसमें नकली दूध मिलाकर बेचा, अब उसके कारखाने में बना दूध कानुपर, ग्वालियर, भिंड, मालनपुर और आसपास के इलाकों तक सप्लाई होता है। कारोबार से काफी काली कमाई की है। लहार में इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक और एसबीआई में उसके बैंक खाते हैं। एसटीएफ उसे पकडऩे में जुटी पता चलने पर लहार से भागकर भोपाल, उज्जैन, कानपुर और झांसी में दुबका रहा।
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